बृहस्पति से अब नेताम ने किया सवाल: मंत्री से तो खेद जताए.. मेरे प्रति कब खेद जताएँगे विधायक ? खेद प्रकट करें वर्ना मानहानि का दावा करुंगा

Update: 2021-07-31 10:46 GMT

रायपुर,31 जुलाई 2021। राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम ने चर्चित विधायक बृहस्पति सिंह से सवाल किया है कि मंत्री से तो खेद जता लिए, मुझसे कब खेद जताएँगे। राज्यसभा सदस्य नेताम ने खेद प्रकट ना करने पर मानहानि का मुक़दमा करने की चेतावनी दी है।
रामविचार नेताम ने मीडिया को पत्र जारी किया है। पत्र में नेताम ने लिखा है
”रामानुजगंज क्षेत्र के वर्तमान विधायक बृहस्पति सिंह परंपरागत ढंग से स्वभाववश कभी तत्कालीन कलेक्टर, कभी राज्यसभा सांसद तो कभी छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री को कह देते हैं कि मेरी हत्या करवाना चाहते है।फिर विधायक जी मंत्री के समक्ष विधानसभा में स्वीकारते हैं कि मैंने भावावेश में कह दिया था कि आप मेरी हत्या करवाना चाहते हैं,अब खेद प्रकट करता हूँ। आपने हाल में घटी इस प्रायोजित घटना का पटाक्षेप करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की गरिमा और मर्यादा को गंभीर क्षति पहुँचाई है। अब प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी मंत्री जी जाने कि उन्होंने खेद प्रकट को किस नज़रिए से स्वीकार कर लिया है”
राज्यसभा सदस्य नेताम ने आगे लिखा है-
”कुछ महिने पहले विधायक जी ने सार्वजनिक रुप से बयान दिया था कि सार्वजनिक यज्ञ कराकर नेताम जी मेरी हत्या करवाना चाहते हैं,इसके फलस्वरूप मेरे व मेरे समर्थकों द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज करने के साथ विधायक जी से सार्वजनिक माफ़ीनामा या खेद प्रकट किए जाने की बात कही गई थी जिस पर आज तक जवाब अपेक्षित है”
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री रह चुके रामविचार नेताम ने हालिया अंबिकापुर की घटना को क़ानून के साथ सुनियोजित खिलवाड़ निरुपित करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जाँच की माँग भी की है।नेताम ने हाईकोर्ट की निगरानी में जाँच की माँग की है।नेताम ने पूरी कार्यवाही को प्रश्नांकित करते हुए इस पूरी कार्यवाही पर विधिक प्रश्न खड़े किए हैं।
नेताम ने पत्र में आगे लिखा है
”विधायक जी सत्ता के नशे में अपने स्वभाव के अनुरुप अप्रिय भाषा का प्रयोग करते हैं।विधायक जी आपके इस प्रकार के कई कृत्य से मुझे व क्षेत्रीय जनता की भावना गंभीर रुप से आहत हुई है, जो निरंतर जारी है।संपूर्ण आदिवासी समाज की भोली भाली संस्कृति व स्वभाव को गंभीर आघात पहुँचा है, इस पर आदिवासी समाज विधायक को माफ़ नहीं करेगा,आपको आगाह करता हूँ अविलंब आप मेरे समक्ष सार्वजनिक रुप से मेरे विरुद्ध आरोप पर खेद प्रकट करते हुए आप कहें कि आपका दिमाग़ी संतुलन ठीक नहीं है, अन्यथा मानहानि मुक़दमे के लिए तैयार रहें”

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