Supreme Court News: पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पुत्र को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये निर्देश
Supreme Court News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनके पुत्र चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से रहात नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने कहा है। हाई कोर्ट को इस मामले में त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। फिलहाल कोई रहा सुप्रीम कोर्ट से भूपेश बघेल या उनके पुत्र को नहीं मिली है। हालांकि ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत दिए अधिकारों को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी गई है।
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Supreme Court News: दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के द्वारा ईडी की जांच के खिलाफ लगाई गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को हाई कोर्ट में लगाने कहा है। 2165 करोड रुपए के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर,अरुणपति त्रिपाठी समेत अन्य को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्ल्यू भी इसकी जांच कर रही है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को भी शराब सिंडिकेट में शामिल होने का आरोप लगा ईडी ने गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने गिरफ्तारी के समय प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16 करोड रुपए से अधिक की रकम मिली है। यह रकम उन्होंने नगद ली है और अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में खपाया है। दुर्ग स्थित निवास से गिरफ्तार कर रायपुर जेल दाखिल करवाया गया है।
पुत्र की गिरफ्तारी के बाद पिता भूपेश बघेल ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि राजनीतिक विद्वेष के तहत उनके पुत्र की गिरफ्तारी की गई और अब आशंका है कि उन्हें भी ईडी उन्हें भी किसी मामले में गिरफ्तार कर सकती है। इसके अलावा चैतन्य बघेल ने भी ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पूर्व ही गिरफ्तारी की आशंका पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दरअसल ईडी के द्वारा कई बार उनसे पूछताछ की जा चुकी थी। बार-बार पूछताछ के चलते उन्हें आसान करते कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है इस कारण उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही याचिका दाखिल कर दी थी। जिस पर उनकी गिरफ्तारी के बाद आज सुनवाई हुई।
दोनों पिता पुत्रों के मामले में लगी याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ में हुई। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले में भूपेश बघेल या उनके बेटे को किसी तरह की राहत नहीं दी। उन्होंने निर्देश दिया कि इस मामले में वह छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत करें। उनकी याचिका पर त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के निर्देश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को दिए गए हैं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल को यह लिबर्टी दी है कि वह मनी लांड्रिंग कानून पीएमएलए के तहत ईडी को दिए गए जांच,गिरफ्तारी और पूछताछ संबंधी अधिकारों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें एक अलग से सेपरेट याचिका दाखिल करनी होगी। यदि उनके द्वारा इस तरह की याचिका दाखिल की गई तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 अगस्त को इस पर विचार के लिए लिया जाएगा।
डिवीजन बेंच ने की टिप्पणीन्यायमूर्ति सूर्यकात ने कहा-
जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति होता है, तो वह सीधे सुप्रीम कोर्ट चला आता है। अगर हम ही हर मामले की सुनवाई करने लगेंगे, तो अन्य अदालतों की क्या आवश्यकता रह जाएगी। आम आदमी और साधारण वकीलों के लिए सुप्रीम कोर्ट में कोई जगह ही नहीं बचेगी।
इन मामलों में भूपेश बघेल को है ईडी द्वारा गिरफ्तारी की आशंका-
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम कोल लेवी वसूली घोटाला, महादेव सट्टा एप और शराब घोटाले में आया है। इन तीनों में पूर्व मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी की आशंका है। आईए जानते हैं तीनों क्या है घोटाला
कोल लेवी घोटाला-
कोयले के परिवहन के लिए ऑनलाइन पीट पास जारी किया जाता था। पर पूर्व की कांग्रेस सरकार में इसे माइनिंग डायरेक्टर रहे समीर बिश्नोई ने आदेश जारी कर ऑफलाइन कर दिया था। आरोपों के मुताबिक जो कोल परिवहन कर्ता 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से रकम देता था सिर्फ उसे ही पीट पास जारी किया जाता था। इस तरह से 570 करोड रुपए वसूल किए गए। इस सिंडिकेट का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी था जिसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव और कांग्रेस सरकार में सर्वाधिक शक्तिशाली रही सौम्या चौरसिया से असीमित शक्तियां प्राप्त होती थी। इस मामले में आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी लक्ष्मीकांत तिवारी समेत अन्य अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ईडी ने गिरफ्तार किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर संरक्षण देने की आप लग रहे हैं।
महादेव सट्टा एप-
यह पांच हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। दुर्ग में जूस दुकान लगाने वाले सौरभ चंद्र करने अपने साथी रवि उप्पल के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टा एप को बनाया और दुबई जाकर इसका संचालन करने लगे । इस ऑनलाइन सट्टा एप को ग्लोबल एप बना दिया। ऑनलाइन सट्टा खिलाकर पांच हजार करोड़ रुपए कमाए। इसमें संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्तियों को हर माह रकम पहुंचाई जाती थी। इस मामले में ईडी के अलावा सीबीआई ने भी छत्तीसगढ़ में पुलिस अफसरों के यहां छापेमारी की है। इस ऐप को भी संरक्षण देने के आरोप भूपेश बघेल पर लगे हैं ।
शराब घोटाला-
प्रदेश में 2165 करोड रुपए का शराब घोटाला ईडी ने सामने लाया है। नकली होलोग्राम बना बिना एक्साइज ड्यूटी चुकाए शराब दुकानों से शराब बेचकर शासन को 2165 करोड रुपए की क्षति कारित की गई। इस मामले में तीस आबकारी अधिकारियों को भाजपा की सरकार ने निलंबित किया है। शराब घोटाले में ही पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा समेत कई अफसर और रायपुर के महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर जेल में है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बाद इसी मामले में चैतन्य बघेल को भी गिरफ्तार किया गया है और भूपेश बघेल को भी इस मामले में गिरफ्तारी का डर है।
डिवीजन बेंच ने इस पर जताई आपत्ति-
याचिकाकर्ता अंतरिम राहत के लिए हाई कोर्ट जाएं।
एक ही याचिका में वैधानिक चुनौती और व्यक्तिगत राहत मांगना
पीएमएलए की धारा 50 और 63 को चुनौती देने के लिए अलग याचिका दायर करें।