Thug Sukesh Chandrashekhar : ठग सुकेश का जेल स्टॉफ पर जबरन वसूली का आरोप, जांच की मांग
Thug Sukesh Chandrashekhar : मंडोली जेल में बंद कथित ठग सुकेश चन्द्रशेखर ने सहायक अधीक्षक किशन मोहन और सहायक अधीक्षक प्रदीप शर्मा के खिलाफ दिल्ली की जेल में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है...
Thug Sukesh Chandrashekhar : मंडोली जेल में बंद कथित ठग सुकेश चन्द्रशेखर ने सहायक अधीक्षक किशन मोहन और सहायक अधीक्षक प्रदीप शर्मा के खिलाफ दिल्ली की जेल में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।
दिल्ली पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के आयुक्त को संबोधित अपने पत्र में, चंद्रशेखर ने दावा किया है कि जब वह तिहाड़ की जेल -1 में बंद थे, तो उनसे जेल सुरक्षा राशि के रूप में 12 लाख रुपये की उगाही की गई थी। यह रकम कथित तौर पर उनके स्टाफ द्वारा हरि नगर में कदंबोरी रेस्तरां के बाहर पहुंचाई गई थी।
कैदी ने आगे आरोप लगाया कि सहायक अधीक्षक मोहन, जो अब जेल-11, मंडोली में तैनात हैं, उस पर अतिरिक्त धनराशि देने का दबाव डाल रहे हैं।
जेल अधीक्षक को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसके बाद चंद्रशेखर ने बताया कि अधिकारी मासिक आधार पर विभिन्न कैदियों से अच्छी खासी रकम वसूल रहा है।
इसके अतिरिक्त, सहायक अधीक्षक शर्मा, जो जेल-11, मंडोली में भी तैनात हैं, ने पहले 7.50 लाख रुपये की उगाही की थी, ऐसा चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है।
कैदी ने दोनों अधिकारियों पर मिलकर विभिन्न कैदियों से 15-20 लाख से अधिक की मासिक वसूली करने का आरोप लगाया है।
चन्द्रशेखर ने दावा किया है कि दोनों अधिकारियों के पास गुड़गांव और अलवर में करोड़ों की संपत्ति है, जो कथित तौर पर भ्रष्टचार से अर्जित की गई है। उसने बताया कि शर्मा को पहले भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह फिर से ड्यूटी पर लौट आए और इसे जारी रखा।
चन्द्रशेखर ने आरोप लगाया है, ''मैं विनम्रतापूर्वक इस आवेदन के आधार पर शिकायत दर्ज करने का अनुरोध करता हूं, उक्त दोनों अधिकारियों ने मुझसे 19.50 लाख रुपये की राशि जबरन वसूली की है। मुझ पर और अधिक भुगतान करने के लिए दबाव डालते रहे हैं।''
कैदी ने अधिकारियों से भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मोहन और शर्मा के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू करने का आग्रह किया है।
चन्द्रशेखर ने सबूत उपलब्ध कराने का वादा किया है, इसमें अधिकारियों और उनके कर्मचारियों के बीच उगाही गई रकम की डिलीवरी का समन्वय करने वाले व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी शामिल हैं।
उसने अपने दावों के समर्थन में सभी तथ्यात्मक घटनाएं और सबूत उपलब्ध कराने का वादा करते हुए जांच में सहयोग की बात कही है।