Soumya Vishwanathan Murder Case: पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में सभी 5 आरोपी दोषी करार, 15 साल बाद आया फैसला

Soumya Vishwanathan Murder Case: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम अधिनियम (MCOCA) के तहत दोषी करार दिया है।

Update: 2023-10-18 13:50 GMT

Soumya Vishwanathan Murder Case: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम अधिनियम (MCOCA) के तहत दोषी करार दिया है। आरोपियों ने 2008 में पत्रकार सौम्या की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कोर्ट ने 15 साल की लंबी सुनवाई के बाद हत्याकांड में ये फैसला सुनाया है। मामले में कोर्ट एक हफ्ते बाद सभी दोषियों को सजा सुनाएगी।

सौम्या की मां ने कहा, "मेरी बेटी चली गई है, लेकिन ये फैसला दूसरों के लिए भी नजीर होगा, नहीं तो अपराधियों की और हिम्मत बढ़ती। इन्हें आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए।" दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने कहा, "हम खुश और संतुष्ट हैं कि 15 वर्षों के बाद न्याय मिला है। यह दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ा मामला था और इसमें बहुत सारी चुनौतियां थीं। अभियोजन पक्ष कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग करेगा।"

क्या है मामला?

सौम्या 30 सितंबर, 2008 को देर रात करीब 3:30 बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं। उसी दौरान वसंत कुंज इलाके में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सौम्या की लाश दिल्ली पुलिस को नेल्सन मंडेला मार्ग पर उन्हीं की कार से बरामद हुई थी। मामले का खुलासा करने में पुलिस को करीब 6 महीने का समय लग गया था। पुलिस ने हत्या के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस को सौम्या हत्याकांड में मार्च, 2009 में BPO कर्मचारी जिगिशा घोष की हत्या की जांच के दौरान सफलता मिली, जब एक आरोपी बलजीत मलिन ने सौम्या की हत्या में भी शामिल होने की बात कबूल की। इसके बाद पुलिस ने हत्याकांड में रवि कपूर समेत उसकी गैंग में शामिल अमित शुक्ला, अजय कुमार और अजय सेठी को भी गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने MCOCA के तहत जून, 2010 में चार्जशीट दाखिल की थी।

ये मामला 15 साल से कोर्ट में चल रहा था। 16 नवंबर, 2010 को साकेत कोर्ट ने मामले में सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद पुलिस ने हत्याकांड से जुड़े सारे अहम सबूत कोर्ट में पेश कर दिए। 9 जुलाई, 2016 को कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर ली और अगली सुनवाई के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन कानूनी वजहों से फैसला लंबित रहा। अब आज आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।

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