SCO Summit 2024: 9 साल बाद पाकिस्तान जाएंगे भारत के विदेश मंत्री जयशंकर, 15-16 अक्टूबर को बैठक में शामिल होंगे

SCO Summit 2024: विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे।

Update: 2024-10-04 16:56 GMT

SCO Summit 2024: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह पहली बार होगा जब बीते 9 सालों में भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बैठक की पुष्टि की है।

PM मोदी को किया गया था आमंत्रित

इससे पहले, अगस्त में पाकिस्तान ने इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था और किसी मंत्री को भेजने की संभावना जताई थी, जो अब विदेश मंत्री जयशंकर के रूप में तय हो गई है।

भारत-पाकिस्तान संबंधों में 2015 से ठहराव

भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 2015 में पाकिस्तान दौरे पर गई थीं। उनके बाद से कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर नहीं गया। वहीं, 2015 में ही प्रधानमंत्री मोदी अचानक लाहौर पहुंचे थे और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है।

पिछली SCO बैठकें और वर्तमान हालात

2023 में गोवा में SCO की विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत आए थे। यह करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी मंत्री की भारत यात्रा थी। 2023 में ही भारत ने SCO सम्मेलन की वर्चुअल मेजबानी की थी, जिसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी ऑनलाइन हिस्सा लिया था।

SCO क्या है?

SCO (शंघाई सहयोग संगठन) एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी। 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके स्थायी सदस्य बने। 2023 में ईरान को भी सदस्यता मिली। SCO का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इसके सदस्य देशों में दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी निवास करती है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देती है।

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