Former ED chief Sanjay Kumar Mishra: जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटाया, मोदी सरकार ने बनाया खास! पूर्व ED चीफ संजय मिश्रा अब देंगे PM मोदी को आर्थिक सलाह?
Former ED chief Sanjay Kumar Mishra: सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व चीफ संजय कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया है।

Former ED chief Sanjay Kumar Mishra: सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व चीफ संजय कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the Prime Minister (EAC-PM)) का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया है। इसकी घोषणा 25 मार्च को देर रात जारी एक सरकारी आदेश में की गई। मिश्रा को सेक्रेटरी रैंक दी गई है। ईएसी-पीएम एक स्वतंत्र संस्था है, जो अर्थव्यवस्था और उससे जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देती है। वर्तमान में इसकी कमान सुमन बेरी के हाथों में है। मिश्रा के अनुभव को देखते हुए उनकी इस नई भूमिका से आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है।
कौन हैं संजय कुमार मिश्रा?
संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के रहने वाले मिश्रा ने 19 नवंबर, 2018 को ईडी चीफ का पद संभाला था। इससे पहले वह दिल्ली में चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर रह चुके थे। दो साल के तय कार्यकाल के बाद सरकार ने उन्हें कई बार एक्सटेंशन दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में 'राष्ट्रीय हित' का हवाला देते हुए उनका कार्यकाल 15 सितंबर, 2024 तक बढ़ाया था, लेकिन इसके बाद और एक्सटेंशन की गुंजाइश नहीं छोड़ी थी। मिश्रा आर्थिक मामलों के जानकार हैं और कई बड़े मामलों की जांच का अनुभव रखते हैं।
मिश्रा के कार्यकाल में ईडी का दमदार प्रदर्शन
ईडी चीफ के तौर पर मिश्रा के कार्यकाल में जांच एजेंसी ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सख्ती दिखाई। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले हों या फिर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं के खिलाफ जांच - मिश्रा के नेतृत्व में ईडी ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
भगोड़ों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
मिश्रा के समय में ही भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और हथियार डीलर संजय भंडारी के प्रत्यावर्तन को मंजूरी मिली थी। इसके अलावा, यस बैंक के पूर्व एमडी राना कपूर और ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी भी उनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि रही। मिश्रा ने ईडी को आर्थिक अपराधों के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनाया।
नई भूमिका में क्या होगा असर?
ईएसी-पीएम में मिश्रा की नियुक्ति को उनके आर्थिक अपराधों और नीतियों के गहरे अनुभव से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी सलाह से सरकार को आर्थिक सुधारों और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मुद्दों पर सख्त नीतियां बनाने में मदद मिल सकती है। सुमन बेरी की अध्यक्षता वाली इस परिषद में मिश्रा का शामिल होना देश की आर्थिक दिशा को और मजबूत करने की ओर इशारा करता है।