World Youngest CA: सबसे कम उम्र की CA, गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, जानिए कौन हैं नंदिनी
World Youngest CA: जब बच्चे अपने स्कूल बैग से किताबें निकालना सीख रहे होते हैं, तब मध्य प्रदेश के मुरैना की एक लड़की नंदिनी अग्रवाल ने कुछ ऐसा किया जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया. उसके भीतर एक सपना पल रहा था चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना, वो भी सबसे कम उम्र में. ये एक ऐसा मुकाम था, जिसे छूने के लिए लोगों को कई सालों तक संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन नंदिनी की घड़ी कुछ और समय बता रही थी. आइये जानते हैं नंदिनी की सक्सेस स्टोरी.
Sabse Kam Umar Ki CA: जब बच्चे अपने स्कूल बैग से किताबें निकालना सीख रहे होते हैं, तब मध्य प्रदेश के मुरैना की एक लड़की नंदिनी अग्रवाल ने कुछ ऐसा किया जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया. उम्र महज़ 13 साल और हाथ में 10वीं का सर्टिफिकेट. फिर 15 की होते-होते 12वीं भी पास. जबकि ज़्यादातर छात्र उस उम्र में बोर्ड एग्ज़ाम की कल्पना से भी डरते हैं.लेकिन नंदिनी यहां नहीं रुकी. उसके भीतर एक सपना पल रहा था चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना, वो भी सबसे कम उम्र में. ये एक ऐसा मुकाम था, जिसे छूने के लिए लोगों को कई सालों तक संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन नंदिनी की घड़ी कुछ और समय बता रही थी. आइये जानते हैं नंदिनी की सक्सेस स्टोरी.
सपना देखा नहीं, जिया गया
नंदिनी ने एक बार अपने स्कूल में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर को देखा था. वहीं से उसके दिल में यह विचार आया कि अगर कोई रिकॉर्ड बना सकता है, तो मैं क्यों नहीं? फिर शुरू हुआ एक ऐसा सफर, जो आगे चलकर रिकॉर्ड बुक का हिस्सा बनने वाला था. उसने CA बनने का टारगेट तय किया. उम्र कम थी, पर हौसले आसमान से भी ऊंचे. रोज सुबह से लेकर देर रात तक पढ़ाई. सोशल मीडिया नहीं, आउटिंग नहीं, बस किताबें और लक्ष्य. उसकी मेहनत रंग लाई. साल 2021 में नंदिनी ने CA फाइनल परीक्षा में 800 में से 614 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त की. इस मुकाम पर पहुंचना तो बड़ी बात थी ही, पर इससे भी बड़ी बात थी उसकी उम्र सिर्फ 19 साल और 330 दिन. बता दें कि नंदिनी ने 8वीं के बाद 10वीं की पढ़ाई की.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
इस उपलब्धि के साथ ही उसका नाम दर्ज हो गया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में.
परिवार बना नींव, भाई बना प्रेरणा
हर बड़ी सफलता के पीछे कोई न कोई मजबूत दीवार खड़ी होती है, जो हर तूफान से उसे बचाती है नंदिनी के लिए वो दीवार था उसका परिवार. उसके बड़े भाई सचिन खुद भी CA की तैयारी कर रहे थे और उसी साल उन्होंने भी CA फाइनल में AIR 18 हासिल की. घर का माहौल पढ़ाई वाला था, और इसी वजह से नंदिनी ने कभी रास्ता नहीं बदला.
लेकिन सफर आसान नहीं था. सिर्फ 16 साल की उम्र में जब उसने इंटर्नशिप के लिए कंपनियों में अप्लाई किया, तो उम्र देख कर मना कर दिया गया. इतनी छोटी उम्र में क्या काम आएगा? ये सवाल कई बार पूछा गया, लेकिन जवाब उसने अपनी सफलता से दिया.
जुनून जिद बन जाए तो इतिहास बन जाता है
CA का एग्जाम देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. जहां लाखों छात्र हर साल अपियर होते हैं, लेकिन कुछ ही पास होते हैं. और उन कुछ में नंदिनी टॉपर बनी देश की नहीं, दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला CA बनकर. उसने ये साबित कर दिया कि सपनों की कोई उम्र नहीं होती, और उनसे लड़ने की हिम्मत ही असली टैलेंट होती है.
नंदिनी सिर्फ एक सफल CA नहीं है, बल्कि लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है. एक ऐसा नाम, जो हर उस सपने की मिसाल है जो छोटे शहरों में जन्म लेते हैं, लेकिन बड़ा सोचते हैं. नंदिनी कहती हैं कि चंबल की लड़कियों से कहूंगी कि सपना देखो अगर तुम सपना नहीं देखतीं तो तुम कभी भी उससे बड़ी नहीं बन सकतीं.