Rape Victim Gives Birth a Daughter: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने बच्ची को दिया जन्म, हाईकोर्ट ने 33 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में गर्भपात की दी थी अनुमति

Rape Victim Gives Birth a Daughter: गुजरात के राजकोट से नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया है, ये वही दुष्कर्म पीड़िता है जिसके लिए हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने 33 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत दे दी थी. दुष्कर्म पीड़िता से चचेरे भाई ने दुष्कर्म किया था.

Update: 2025-05-18 13:50 GMT

Rape Victim Gives Birth a Daughter: गुजरात के राजकोट से नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया है, ये वही दुष्कर्म पीड़िता है जिसके लिए हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने 33 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत दे दी थी. दुष्कर्म पीड़िता से चचेरे भाई ने दुष्कर्म किया था.

रविवार को राजकोट में 13 साल की मासूम ने एक बच्ची को जन्म दिया, हालांकि गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दी थी, लेकिन मेडिकल कॉम्प्लीकेशन के कारण डिलीवरी करनी पड़ी, दुष्कर्म पीड़िता एनीमिया बिमारी का सामना कर रही थी, साथ ही गर्भ में बच्चे का वजन 2 किलो बताया जा रहा था. ऐसे में गर्भपात से दुष्कर्म पीड़िता की जान को खतरा हो गया था.

पहली बार कोर्ट ने दी थी 33 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत दी थी, इससे पहले 32 हफ्ते में गर्भपात की इजाजत 2017 में दी गई थी.

ऐसे सामने आया था मामला

दरअसल दुष्कर्म पीड़िता की मां का 2022 में तलाक हो गया था, इसके बाद महिला ने राजकोट में दूसरी शादी कर ली थी. इसी बीच महिला अपनी 13 साल की लड़की के साथ महाराष्ट्र में रहने वाली अपनी बहन के घर गई इस दौरान लड़की ने पेट दर्द की समस्या बताई जिसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया, यहां जांच पर पता चला की 13 साल की लड़की के गर्भ में 20 से 22 हफ्ते का बच्चा पल रहा है.

चचेरे भाई और उसके दोस्त ने किया था दुष्कर्म

मामला पुलिस के पास पहुंचते ही महिला पुलिस की काउंसलर ने बच्ची से पुछताछ की इस पर बच्ची नें सारी सच्चाई पुलिस को बताई, बच्ची ने बताया कि राजकोट में उसके चचेरे भाई और उसके दोस्त ने कई बार उससे दुष्कर्म किया था. जिसके बाद बच्ची की मां ने चालीसगांव थाने में आरोपी और उसके दोस्त के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला गुजरात ट्रांसफर कर दिया गया था, 2 मई को नाबालिग आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.

निचली अदालत में गर्भपात याचिका हुई थी खारिज

बच्ची और उसके परिवार ने निचली अदालत ने अबॉर्शन की याचिका लगाई थी लेकिन गर्भ को ज्यादा समय हो जाने की वजह से याचिका खारिज कर दी जा रही थी, जिसके बाद परिवार वालों ने गुजरात हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पहली बार 33 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात करने की इजाजत दे दी थी.

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