Rajasthan News : "जरा हटके जरा बचके" मूवी जैसी घटना राजस्थान में... नौकरी के लिए पत्नी हो गई तलाकशुदा, 12 केस आए सामने

Rajasthan : कई युवतियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर तलाक कोटे से नौकरी हासिल कर ली। यानी कागजों में पति से तलाक लेकर नौकरी पा ली लेकिन रहती वे पति के साथ ही हैं.

Update: 2025-08-11 16:50 GMT

 fake divorces for government jobs :  क्या आपने "ज़रा हटके जरा बचके" मूवी देखी  है... अगर हां तो इस घटना से उस मूवी के सीन्स फिर से ताजा हो जाएँगी. फिल्म में सरकारी आवास के लिए सारा अली खान ने तलाकशुदा होने का नाटक किया है, पर राजस्थान में ऐसा ही मामला घर के लिए नहीं बल्कि   नौकरी के लिए सामने आया है. राजस्थान में कई युवतियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर तलाक कोटे से नौकरी हासिल कर ली।

पिछले पांच साल में हुई सरकारी नौकरियों की भर्तियों में जमकर धांधली हुई। कहीं पेपर लीक तो कहीं डमी कैंडिडेट और नकल से सरकारी नौकरी हथिया ली गई। कई केस ऐसे सामने आए जहां फर्जी डिग्रियों के साथ दिव्यांगता का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर आरक्षित कोटे से नौकरी पा ली गई। ऐसे फर्जीवाड़ों के बीच अब एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा भी सामने आया है। कई युवतियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर तलाक कोटे से नौकरी हासिल कर ली। यानी कागजों में पति से तलाक लेकर नौकरी पा ली लेकिन रहती वे पति के साथ ही हैं। राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर आलोक राज की शिकायत पर अब एसओजी ऐसे मामलों की जांच कर रही है।

राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर आलोक राज के अनुसार अलग अलग विभागों की जांच के बाद ऐसे 12 केस सामने आए हैं जहां पति के साथ रहते हुए भी युवतियों ने तलाक की डिक्री लगाते हुए तलाकशुदा कोटे से सरकारी नौकरी हासिल कर ली थी। ऐसे मामलों की जांच बोर्ड नहीं कर सकता। ऐसे में इसकी शिकायत एसओजी को भेजी गई है। एसओजी इस मामले की पूरी जांच करने में जुटी है। मेजर आलोक राज के मुताबिक जांच में और भी मामले सामने आ सकते हैं।



तलाकशुदा महिलाओं के लिए दो प्रतिशत का कोटा


सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए दो प्रतिशत का कोटा निर्धारित है। इस आरक्षित कोटे से नौकरी पाने के लिए कई युवतियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बना लिए। पति के साथ रहते हुए ही तलाक की फर्जी डिक्री लेकर तलाकशुदा कोटे में आवेदन किया और नौकरी हासिल कर ली। चूंकि तलाकशुदा कोटे की मेरिट अन्य कैटेगरी से काफी नीचे रहती है। ऐसे में शातिर युवतियों ने इस हथकंडे का इस्तेमाल करते हुए सरकारी नौकरी हासिल कर ली। अलग अलग विभागों के तलाकशुदा कोटे में नौकरी पाने वाली युवतियों की जांच की गई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई।


12 से अधिक मामलों की आंतरिक जांच


पिछले कुछ महीनों में तलाकशुदा श्रेणी में आवेदनों की संख्या अचानक दोगुनी-तिगुनी हो गई, जिससे शक गहरा गया। संदिग्ध मामलों में भर्ती प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। 12 से अधिक मामलों की आंतरिक जांच जारी है और जल्द ही एसओजी को पूरी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। आलोक राज के मुताबिक यह केवल नौकरी पाने का हथकंडा नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है, जिसमें अदालत के फैसले का दुरुपयोग और सरकारी नियमों की खुली अवहेलना शामिल है। अब देखना यह होगा कि एसओजी की जांच इस फर्जी तलाक नेटवर्क की कितनी परतें खोलेगी।

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