Manipur Hinsa: फिर सुलगा मणिपुर, सड़कों पर विरोध, इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू, जानिए आखिर क्यों बिगड़े हालात?
Manipur Hinsa:पूर्वोत्तर भारत का एक शांत और खूबसूरत राज्य मणिपुर, एक बार फिर से अशांति की आग में झुलस रहा है. बीते कई महीनों से हिंसा और तनाव की मार झेल रहा मणिपुर, अब एक नई वजह से फिर से चर्चा में है. विरोध, गिरफ्तारी, इंटरनेट पाबंदी और कर्फ्यू जैसे हालात बता रहे हैं कि वहां हालात सामान्य नहीं हैं. चलिए जानते हैं पूरा मामला.
Manipur Hinsa:पूर्वोत्तर भारत का एक शांत और खूबसूरत राज्य मणिपुर, एक बार फिर से अशांति की आग में झुलस रहा है. बीते कई महीनों से हिंसा और तनाव की मार झेल रहा मणिपुर, अब एक नई वजह से फिर से चर्चा में है. विरोध, गिरफ्तारी, इंटरनेट पाबंदी और कर्फ्यू जैसे हालात बता रहे हैं कि वहां हालात सामान्य नहीं हैं. चलिए जानते हैं पूरा मामला.
क्या है पूरा मामला
यह सब तब शुरू हुआ जब इंफाल से एक खबर आई कि मैतेई समुदाय से जुड़े एक कट्टरपंथी संगठन अरम्बाई टेंगोल के प्रमुख नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि इस गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन अफवाहें तेजी से फैल गईं. इससे पहले कि प्रशासन कुछ समझ पाता, इंफाल की गलियों में विरोध नजर आने लगा.
लोगों ने सड़कों पर उतरकर टायर और फर्नीचर जलाने शुरू कर दिए. भीड़ ने सुरक्षा बलों से भिड़ंत की, पत्थरबाजी हुई, और कुछ जगहों पर गोलियों की आवाजें भी सुनाई दीं. कहा जा रहा है कि कई प्रदर्शनकारियों ने राज्य के हवाई अड्डे तक पहुँच कर उसका घेराव भी कर लिया, ताकि गिरफ्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाने की किसी भी कोशिश को रोका जा सके.
इंटरनेट पर पाबंदी
स्थिति को देखते हुए, मणिपुर सरकार ने तुरंत एक बड़ा फैसला लिया. फैसला लेते हुए पांच जिलों इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं पांच दिनों के लिए बंद कर दी गईं, इसका कहीं न कहीं कारण स्पष्ट था सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें, भड़काऊ वीडियो और अफवाहें फैलाकर माहौल और बिगाड़ा जा सकता था.
गृह सचिव के जारी आदेश में कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसलिए वीपीएन और वीसैट जैसी तकनीकों के माध्यम से इंटरनेट के प्रयोग पर भी रोक लगाई गई.
पूरा बिष्णुपुर जिला बंद
इस बीच हालात इतने बिगड़ गए कि बिष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया. अन्य जिलों में भी धारा 144 लागू कर दी गई, जिससे पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है. राजधानी इंफाल के राजभवन और अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती और तेज़ कर दी गई है.
कुछ स्थानों पर सेना और अर्धसैनिक बलों को भी बुलाया गया है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके. शनिवार रात से लेकर रविवार सुबह तक, कई जगह झड़पों की खबरें आईं. खुरई लामलोंग इलाके में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया.
प्रदर्शन में शामिल एक युवक का कहना था, जब सरकार हमारे नेता को चुपचाप गायब कर सकती है, तो हमें क्या भरोसा रहे? वहीं एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, हम सिर्फ पूछ रहे हैं कहाँ है हमारा प्रतिनिधि? उसे क्यों ले जाया गया? हालांकि, सरकार का पक्ष साफ है कि हिंसा और अव्यवस्था की किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जा सकती.
पहले भी भड़की थी आग
यह पहली बार नहीं है जब मणिपुर में इंटरनेट बंद किया गया हो. बीते सालों में जातीय टकराव, भूमि विवाद और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से कई बार ऐसा हो चुका है. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भी लंबे समय से तनाव बना हुआ है, जो कई बार हिंसा का रूप ले चुका है.