Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल, सरकार गठन पर सस्पेंस बरक़रार, शिंदे जल्द लेंगे ये बड़ा फैसला
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 2024 विधानसभा चुनाव के बाद महायुति गठबंधन (भाजपा-शिवसेना) को बहुमत मिलने के बावजूद सरकार गठन की प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है। बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 2024 विधानसभा चुनाव के बाद महायुति गठबंधन (भाजपा-शिवसेना) को बहुमत मिलने के बावजूद सरकार गठन की प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है। बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे बताया जा रहा है।
इसी बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अपने पैतृक गांव सतारा जाना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। इस कदम ने अटकलों को हवा दी है कि शिंदे सरकार गठन को लेकर चल रही बातचीत से नाराज हो सकते हैं। शिंदे के इस अचानक कदम ने महायुति के भीतर सब कुछ ठीक न होने के संकेत दिए हैं। 1 दिसंबर को मुंबई में महायुति की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें सरकार गठन और मंत्रिमंडल बंटवारे पर चर्चा होनी है। शिंदे की इस बैठक से पहले गांव जाने को कई राजनीतिक विशेषज्ञ असंतोष के रूप में देख रहे हैं।
सीएम पद पर असमंजस
माना जा रहा है कि महायुति की बैठक में मुख्यमंत्री पद के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि, शिंदे और अजित पवार जैसे नेताओं की अपनी-अपनी मांगें और महत्वाकांक्षाएं सरकार गठन में पेच डाल रही हैं। शिंदे द्वारा गृह मंत्रालय की मांग और डिप्टी सीएम पद के लिए दबाव की खबरें भी सामने आ रही हैं। वहीं, देवेंद्र फडणवीस के नाम पर बीजेपी नेतृत्व ने लगभग सहमति जता दी है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में नई सरकार का शपथग्रहण समारोह अगले सप्ताह हो सकता है। संभावित तारीखें 2 या 5 दिसंबर बताई जा रही हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धता पर निर्भर करेंगी।
महायुति में फूट के संकेत?
शिंदे के गांव जाने और बैठक के स्थगित होने से यह सवाल उठने लगा है कि क्या महायुति के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर खींचतान चल रही है। जानकारों का मानना है कि गठबंधन के सभी दल अपने-अपने सियासी हित साधने में लगे हैं, जिससे सरकार गठन की प्रक्रिया जटिल हो गई है। आगामी दिनों में होने वाली महायुति की बैठकों और शपथग्रहण समारोह पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है और क्या महायुति की सरकार बनने के बाद स्थिरता बनाए रख पाती है।