Justice Sanjiv Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

Justice Sanjiv Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर, 2024 को भारत के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे। वर्तमान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जो 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ने जस्टिस खन्ना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सिफारिश की थी।

Update: 2024-10-24 17:43 GMT

Justice Sanjiv Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर, 2024 को भारत के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे। वर्तमान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जो 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ने जस्टिस खन्ना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सिफारिश की थी। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने घोषणा की कि राष्ट्रपति ने इस नियुक्ति को स्वीकृति दे दी है।

जस्टिस खन्ना का कार्यकाल

जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 6 महीने का होगा, और वह 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश होने के कारण, जस्टिस खन्ना को यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने 8 नवंबर, 2022 को चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था और अब उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

जस्टिस संजीव खन्ना का करियर

जस्टिस संजीव खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कर अपनी कानूनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने तीस हजारी स्थित जिला अदालतों में काम किया और बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। जस्टिस खन्ना ने संवैधानिक कानून, कंपनी कानून, आपराधिक कानून और मध्यस्थता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की। 2005 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया और 2006 में वह स्थायी न्यायाधीश बने।

जस्टिस खन्ना के प्रमुख फैसले

जस्टिस खन्ना के न्यायिक करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं:

लोकसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल की जमानत – उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी।

  • ईवीएम वीवीपैट सत्यापन – जस्टिस खन्ना ने 100% वीवीपैट सत्यापन की याचिका को खारिज किया था।
  • चुनावी बॉन्ड योजना – इस योजना को असंवैधानिक घोषित करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा थे।
  • आर्टिकल 370 पर फैसला – जस्टिस खन्ना उस पीठ का हिस्सा थे जिसने आर्टिकल 370 को निरस्त करने का फैसला बरकरार रखा।

जस्टिस संजीव खन्ना का व्यापक अनुभव और न्यायिक दृष्टिकोण उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए उपयुक्त बनाता है। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण न्यायिक फैसलों की उम्मीद की जा रही है, जो देश के कानूनी परिदृश्य को प्रभावित करेंगे।

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