Jhunjhunu Hospital News: डॉक्टरों ने जिंदा युवक का कर डाला पोस्टमार्टम... 2 घंटे डीप फ्रीजर में रखा, फिर अंतिम संस्कार में जो हुआ
Jhunjhunu Hospital News: जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पोस्टमार्टम कर दिया. उसके शव को 2 घंटे तक डीप फ्रीज में रखा गया. लेकिन जैसे ही अंतिम संस्कार के लिए चिता पर लिटाया गया. वो जिन्दा हो गया.
Jhunjhunu BDK Hospital News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पोस्टमार्टम कर दिया. उसके शव को 2 घंटे तक डीप फ्रीज में रखा गया. लेकिन जैसे ही अंतिम संस्कार के लिए चिता पर लिटाया गया. वो जिन्दा हो गया.
क्या है मामला
हैरान करने वाला यह पूरा मामला झुंझुनूं जिले के बगड़ कस्बे का है. रोहिताश नाम का युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था और न ही बोल सुन सकता था. रोहिताश मां सेवा संस्थान के आश्रम में रहता था. गुरुवार की सुबह युवक रोहिताश की तबियत बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उसे बेहोशी के हालत में इलाज के लिए सरकारी बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दोपहर करीब 1 बजे के करीब डॉक्टरों ने रोहिताश को मृत घोषित कर दिया.
उसके बाद युवक के शव को बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया. करीब दो घंटे तक शव को अस्पताल के मुर्दाघर के डीप फ्रिज में रखा गया. उसके बाद युवक का पोस्टमोर्टम किया गया. पोस्टमोर्टम के बाद पंचनामा और अन्य कानूनी कार्यवाही कर शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया. शाम करीब 5 बजकर 5 मिनट पर शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
अंतिम संस्कार के लिए झुंझुनूं के पंच देव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. शव को मुखाग्नि देने के लिए चिता पर लिटा दिया. लेकिन तभी उसकी सांसे चलने लगी. वहां मौजूद सभी लोग उसे देख के डर गए. इसके बाद लोग आनन् फानन में रोहिताश को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ले गए. जहाँ डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल शव को अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया है.
मामले में तीन डॉक्टर सस्पेंड
इस घटना की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया. झुंझुनूं जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा ने तहसीलदार ओर बगड़ थानाधिकारी को जांच के लिए अस्पताल भेजा. तहसीलदार महेंद्र मूंड, सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया भी अस्पताल पहुंचे. कलेक्टर ने पीएमओ से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी. जिला कलेक्टर रामवतार मीणा ने लापरवाही मानते हुए स्वास्थ्य विभाग को पूरी रिपोर्ट भेजी.
वही गुरुवार देर रात ही रिपोर्ट के आधार पर बीडीके अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश जाखड़ और डॉ. नवनीत मील को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है. इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त शासन सचिव की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही बीडीके अस्पताल के पीएमओ सहित तीनों डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है.
2 घंटे तक कैसे लीं सांस
इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है. क्या सच में युवक की मौत हो चुकी थी. अगर नहीं हुई थी तो क्या अस्पताल के डॉक्टर ने उसको गलती से मृत घोषित कर पोस्टमॉर्टम कर किया. अंतिम संस्कार से ठीक पहले रोहिताश वापस से कैसे जिंदा हो गया. वो जिन्दा था तो मुर्दाघर के डीप फ्रिज में सांस कैसे ली. इसके अलाबा बिना परिजन के मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार क्यों किया जा रहा था.