IAS Talo Potom गिरफ्तार, कौन है तालो पोटोम ? जानिए लव, से*स, धोखा और मौत की कहानी

IAS Talo Potom : आईएएस तालो पोटोम के खिलाफ हाल ही में लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. उन पर यौन शोषण और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

Update: 2025-10-28 13:30 GMT

IAS Talo Potom  : भारत में आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) को देश की सबसे प्रतिष्ठित और जिम्मेदार नौकरियों में गिना जाता है. लेकिन समय-समय पर कुछ आईएएस अधिकारियों के भ्रष्टाचार, कदाचार या अपराध में संलिप्त होने के मामले भी सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक गंभीर मामला अरुणाचल प्रदेश से जुड़ा सामने आया है, जिसमें AGMUT कैडर (अरुणाचल प्रदेश–गोवा–मिजोरम–केंद्रीय क्षेत्र) के आईएएस अधिकारी तालो पोटोम का नाम चर्चा में है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, आईएएस तालो पोटोम के खिलाफ हाल ही में लुक आउट नोटिस जारी किया गया था. उन पर यौन शोषण और आत्महत्या के लिए उकसाने (Sexual harassment & abetment to suicide) जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामले में उनके साथ ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) के इंजीनियर लिकवांग लोवांग का भी नाम शामिल है. इस नोटिस के बाद आईएएस तालो पोटोम ने आत्मसमर्पण कर दिया. यह मामला न केवल प्रशासनिक सेवा की गरिमा पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकारी तंत्र में जवाबदेही और नैतिकता के मुद्दों को भी फिर से चर्चा के केंद्र में ले आया है.

कौन हैं आईएएस तालो पोटोम ?



 

 आईएएस तालो पोटोम 2016 बैच के अधिकारी हैं, जिनका कैडर AGMUT है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अरुणाचल प्रदेश में की और मुख्य रूप से राज्य की राजधानी ईटानगर में विभिन्न पदों पर कार्य किया. अपने प्रशासनिक कार्यकाल में उन्हें कुशल, सख्त और निर्णायक अधिकारी के रूप में जाना जाता रहा है. बाद में उनकी तैनाती दिल्ली सरकार में की गई, जहाँ वे PWD (Public Works Department) में विशेष सचिव (Special Secretary) के पद पर कार्यरत थे.


शैक्षणिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत जानकारी

तालो पोटोम का जन्म 9 जनवरी 1972 को अरुणाचल प्रदेश में हुआ था. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक (B.Tech) की डिग्री प्राप्त करने के बाद कानून (LLB) की पढ़ाई की. तकनीकी और विधिक ज्ञान के इस संयोजन ने उन्हें प्रशासनिक कार्यों में संतुलन और गहराई प्रदान की.


लव, सेक्स, धोखा और मौत की कहानी 



 अरुणाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ इंजीनियर ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना एक 19 वर्षीय लड़के के छोड़े गए सुसाइड नोट के कुछ घंटों बाद हुई। इस सुइसाइट नोट में इंजीनियर और एक आईएएस अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। पहली मौत 23 अक्टूबर को एक 19 वर्षीय युवक की हुई, जिसने अपने सुसाइड नोट में महीनों तक यौन शोषण, धमकी और मानसिक प्रताड़ना का विवरण दिया था। नोट में लिखा था, 'मेरी मौत का कारण तालो पोटोम (आईएएस) हैं। अगर उन्होंने मुझे इस पद पर नियुक्त नहीं किया होता, तो मैं आत्महत्या नहीं करता। उन्हीं की वजह से मैंने जो कुछ भी किया, वह सब किया और अब मेरे पास जीने का कोई रास्ता नहीं बचा है।'


सुसाइड नोट में येकर ने आरोप लगाया कि लंबे समय तक उनका यौन शोषण व उत्पीड़न किया गया। उन्होंने दावा किया कि लंबे समय तक अपमान, दबाव व धमकियों के कारण वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं। नोट में कथित अंतरंग संबंधों, हेराफेरी समेत विभिन्न आरोप लगाए गए हैं। एक नोट में लिखा था कि उन्हें एचआईवी हो गया था अधिकारी ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और ब्लैकमेल किया।

सुसाइट नोट में और क्या लिखा


येकर ने दावा किया कि उन्हें एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया था, जिसे बाद में पूरा नहीं किया गया। उन्होंने लिखा कि अगर मेरी मौत होती है, तो यह उनकी (पोटम) वजह से होगा। कृपया मुझे न्याय दिलाइए। येकर के पिता ने निरजुली थाने में एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दोनों अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, यौन शोषण, मानसिक उत्पीड़न, आपराधिक धमकी, भ्रष्टाचार और जीवन को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कड़ी आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई है।

भाग गए थे आईएएस अफसर


उसी दिन, एक पुलिस दल ने ईटानगर स्थित पोटोम के आवास पर छापा मारा और दो मोबाइल फ़ोन ज़ब्त किए, लेकिन वह गिरफ़्तारी से बच निकला। उनकी तलाश शुरू की गई और निरजुली पुलिस थाने ने 53 वर्षीय आईएएस अधिकारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया। आत्मसमर्पण से पहले, पोटोम ने एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि येकर ने स्वेच्छा से डीसी कार्यालय को क्षेत्रीय गतिविधियों में सहायता की, और किसी भी तरह के दबाव या व्यक्तिगत संबंधों से इनकार किया।



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