Maharashtra Builder RERA: त्यौहारी सीज़न से पहले महाराष्‍ट्र में 388 बिल्डरों के खाते फ्रीज

Maharashtra Builder RERA: त्योहारी सीजन से ठीक पहले रियल्टी क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था, महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Maharashtra Rera) ने विभिन्न खामियों के लिए राज्य के 388 बिल्डरों पर कार्रवाई करते हुये उनकी परियोजनाओं के बैंक खाते फ्रीज कर दिए...

Update: 2023-09-20 09:59 GMT

Maharashtra News

Maharashtra Builder RERA: त्योहारी सीजन से ठीक पहले रियल्टी क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था, महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Maharashtra Rera) ने विभिन्न खामियों के लिए राज्य के 388 बिल्डरों पर कार्रवाई करते हुये उनकी परियोजनाओं के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं।

जिन बिल्‍डरों पर कार्रवाई की गई है उनमें पुणे से 89, ठाणे से 54, नासिक से 53, नागपुर से 41, पालघर से 31, रायगढ़ से 22, मुंबई से 20, सतारा से 13 और छत्रपति संभाजीनगर से 12 हैं। 

इनके अलावा कोल्हापुर के सात, सिंधुदुर्ग और वर्धा के छह-छह, रत्नागिरी और सोलापुर के पांच-पांच, अमरावती के चार, जलगांव, सांगली और अहमदनगर के तीन-तीन, वाशिम, चंद्रपुर और लातूर के दो-दो तथा अकोला, यवतमाल, नांदेड़, धुले और बीड के एक-एक बिल्‍डरों पर भी कार्रवाई हुई है।

यह सख्त कदम पिछले सप्‍ताह तब उठाया गया जब ये रीयलटर्स कथित तौर पर अपनी वेबसाइटों पर घर-खरीदारों अपने संबंधित प्रोजेक्ट अपडेट प्रदान करने में विफल रहे और इसके बारे में महाराष्‍ट्र रेरा के नोटिस का जवाब नहीं दिया।

एक अधिकारी ने यहां कहा कि रीयलटर्स को अब अगली सूचना तक या जब तक वे सभी निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तब तक इन परियोजनाओं पर विज्ञापन देने, मार्केटिंग करने या फ्लैट/घर बेचने पर प्रतिबंध रहेगा।

उप-रजिस्ट्रारों को इन दागी परियोजनाओं, विशेष रूप से इस वर्ष की शुरुआत से संपत्तियों के लिए बिक्री समझौतों और बिक्री-विलेखों को पंजीकृत नहीं करने का भी आदेश दिया गया है।

जनवरी 2023 तक, महाराष्‍ट्र रेरा ने 746 परियोजनाएं पंजीकृत की थीं, जिन्हें 20 अप्रैल 2023 तक अपनी तिमाही फाइलिंग में पूर्ण अद्यतन और वर्तमान जानकारी प्रदान करना अनिवार्य था।

इसमें फ्लैटों, गैरेजों के लिए बुकिंग की संख्या, इनसे प्राप्त आय, निर्माण पर वास्तविक खर्च, परियोजनाओं में यदि कोई संशोधन किया गया हो आदि का विवरण शामिल होगा।

इनमें से 746 को अनुपालन के लिए 15-दिन के नोटिस और उसके बाद 45-दिन की चेतावनी नोटिस दिए गए, 358 ने जवाब दिया और शेष 388 ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

तदनुसार, इन 388 बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया और बिक्री समझौतों के पंजीकरण को रोक दिया।

यह सब इन परियोजनाओं के काम में गंभीर रूप से बाधा डाल सकता है, विशेष रूप से नवरात्रि-दिवाली के त्योहार के मौसम में जब रियल्टी क्षेत्र में तेजी का अनुभव होता है।

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