Delhi Excise Policy Case: संजय सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें, ED ने AAP नेता के खिलाफ दायर की पहली चार्जशीट, जानिए क्या हैं आरोप
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 60 पेज की चार्जशीट दाखिल की है।
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 60 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। शनिवार को ED ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत सिंह के खिलाफ ये चार्जशीट दाखिल की। मामले में ये पूरक चार्जशीट है क्योंकि एजेंसी पहले ऐसी लगभग 5 अभियोजन शिकायतें दायर कर चुकी है।
बता दें कि ED ने संजय सिंह के खिलाफ ये चार्जशीट ऐसे समय पर दाखिल की है जब 6 दिसंबर को कोर्ट सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाला है। कोर्ट ने ED को जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए 6 दिसंबर तक का ही समय दिया था। इस जवाब से पहले ही ED ने कोर्ट में सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है, जिससे अब उन्हें जमानत मिलने में मुश्किल हो सकती है।
ED ने 4 अक्टूबर को उनके घर पर कई घंटे छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। तब से लेकर अभी तक वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। हाल में उनकी न्यायिक हिरासत 4 दिसंबर तक बढ़ा दी गई थी। वह अपनी जमानत के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है।
संजय सिंह पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि संजय सिंह ने शराब घोटाले के आरोपी व्यापारी दिनेश अरोड़ा से मुलाकात की थी और उनके माध्यम से ही दिनेश मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे।ED के अनुसार, सिंह ने दिनेश को कई रेस्तरां मालिकों से बात करने को कहा, जिनसे दिल्ली में आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए 82 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। हालांकि, सिंह इन सभी आरोपों को नकार चुके हैं।
क्या है दिल्ली का शराब नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत शराब के ठेकों को निजी हाथों में सौंपा जाना था और 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए CBI जांच की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने जांच के बाद इस मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।