DA increased: DA बढ़ा, दिवाली से पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का तोहफा, राजस्थान सरकार ने 3 प्रतिशत डीए बढ़ाया, पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
DA increased: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी का ऐलान 2 अक्टूबर को किया था। केंद्र सरकार की घोषणा के दूसरे दिन ही राजस्थान सरकार ने भी अपने कर्मचारियों को डीए की सौगात देने का फैसला लिया हैं।
DA increased: राजस्थान। राजस्थान सरकार ने दिवाली से पहले अपने 8 लाख कर्मचारियों और 4.40 लाख पेंशनर्स को डीए बढ़ोतरी की सौगात दी है। कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
मालूम हो कि 2 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। केंद्र सरकार के फैसले के बाद राजस्थान पहला राज्य होगा, जिसने अपने प्रदेश के कर्मचारियों का डीए तीन प्रतिशत बढ़़ा दिया हैं। पहले कर्मचारियों को 55 फीसदी डीए मिलता था अब सरकार के फैसले के बाद बढ़कर 58 फीसदी हो गया है। नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस माह दीपावली के त्यौहार से पहले राज्य कार्मिकों को महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत वृद्धि का उपहार दिया है। पेंशनर्स को भी महंगाई राहत में 3 प्रतिशत वृद्धि देय होगी। उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कार्मिकों के लिए डीए में बढ़ोतरी की गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में भी बिना देरी के महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत में वृद्धि को मंजूरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। अब प्रदेश में सातवें वेतनमान के अंतर्गत राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को 1 जुलाई 2025 से 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता अथवा मंहगाई राहत देय होगी। इस निर्णय से लगभग 8 लाख कार्मिक एवं 4.40 लाख पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। पंचायत समिति तथा जिला परिषद के कर्मचारियों को भी इस बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।
कर्मचारियों को आगामी नवम्बर में देय अक्टूबर 2025 के वेतन से बढ़े हुए महंगाई भत्ते का नकद भुगतान किया जाएगा तथा दिनांक 01 जुलाई से 30 सितम्बर 2025 तक तीन माह की राशि संबंधित कर्मचारियों के सामान्य प्रावधायी निधि खाते में जमा की जाएगी। पेंशनरों को 01 जुलाई, 2025 से महंगाई राहत का नकद भुगतान किया जायेगा। कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में लिए गए इस संवेदनशील निर्णय सेे राज्य सरकार पर लगभग 1230 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय भार आएगा।