Chandrayaan-3 Mission Update: बदला गया चंद्रयान-3 का चौथा ऑर्बिट, जानिए कहां पहुंचा ISRO का मून मिशन
Chandrayaan-3 Mission Update: चंद्रयान-3 मिशन को लेकर ISRO ने ताजा अपडेट साझा किया है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 की चौथी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है.
Chandrayaan-3 Mission Update: चंद्रयान-3 मिशन को लेकर ISRO ने ताजा अपडेट साझा किया है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 की चौथी कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान सगंठन (ISRO) का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अपने मिशन पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि कक्षा बदलने की चौथी प्रक्रिया (Earth-Bound Perigee Firing) को बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है.
इससे पहले इसरो ने 18 जुलाई को चंद्रयान-3 की तीसरी कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया था. अब अगली ऑर्बिट मैन्यूरिंग 25 जुलाई 2023 को दोपहर 2 से 3 बजे ही होगी. चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया था. ऐतिहासिक ‘चंद्रयान-3’ मिशन 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा और अंतत: चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा.
चंद्रयान-3 अपने साथ कई उपकरणों को ले जा रहा है, जो वैज्ञानिकों को चंद्रमा को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराना है. भारत अपने इस मिशन के साथ एक नया इतिहास रचने जा रहा है.
इसरो के मिशन मून के तहत यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. चांद की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर नहीं हुई थी.
अगर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 600 करोड़ रुपये का चंद्रयान-3 मिशन चार साल में अंतरिक्ष एजेंसी के दूसरे प्रयास में लैंडर को उतारने में सफल हो जाता है, तो अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद भारत चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा.