CBSE : प्री प्राइमरी से पांचवीं के बच्चों की मातृभाषा में होगी पढ़ाई, सीबीएसई ने इसी सत्र से लागू किया पढ़ाई का नया सिस्टम
CBSE: नई शिक्षा नीति का असर अब सीजी बोर्ड व सीबीएसई में भी दिखाई देने लगा है। सीबीएसई ने देशभर के स्कूलों को गाइड लाइन जारी कर कहा कि प्री प्राइमरी से पांचवी तक के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाई कराई जाएगी। सीबीएसई का मानना है क इससे लर्निंग बेहतर होने के साथ ही क्वालिटी बेस एजुकेशन भी मिलेगा।
CBSE: रायपुर। सीबीएसई Central Board Of Secondary Education ने देशभर के सीबीएसई एफिलेटेड स्कूलों का जरुरी गाइड लाइन जारी किया है। जारी गाइड लाइन के अनुसार तीन साल से 11 साल के बच्चों, प्री प्राइमरी से पांचवी तक के बच्चों को मातृभाषा में पढ़ाई कराई जाएगी। मातृभाषा के अलावा घरेलू या क्षेत्रीय भाषा को भी विकल्प बनाया जा सकता है।
सीबीएसई ने 22 मई को सरकुलर जारी कर देशभर के सीबीएसई एफिलेटेड स्कूल प्रबंधन को सरकुलर का गंभीरता के साथ पालन करने कहा गया है। इसी के अनुसार प्री प्राइमरी से पांचवी तक के बच्चों की पढ़ाई के लिए रोड मैप तैयार करने कहा गया है। जुलाई से इस नई व्यवस्था को लागू करने कहा गया है।
सीबीएसई ने जारी सरकुलर में साफ कहा है कि छोटे बच्चे अपने घर की भाषा में ही सबसे तेजी से और गहराई से बातों को ना केवल समझ पाते हैंवरन से अपने दिमाग में भी रखते हें। लिहाजा शुरुआती दौर में मातृभाषा का उपयोग बच्चे की सीखने की क्षमता, आत्मविश्वास और समझ को कई गुना बढ़ा सकता है।
CBSE ने जारी सरकुलर में मई 2025 के अंत तक ‘एनसीएफ कार्यान्वयन समिति’ (NCF Implementation Committee) गठित करने का निर्देश स्कूल प्रबंधन को दिया है। ये समिति छात्रों की मातृभाषा की पहचान करेगी और भाषा संसाधनों की मैपिंग करेगी।