Arvind kejriwal News: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जमानत बढ़ाने की अर्जी खारिज, इस दिन को जाना होगा जेल

Arvind kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने उनकी अंतरिम जमानत अवधि को सात दिन और बढ़ाने की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

Update: 2024-05-29 11:25 GMT

Arvind kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने उनकी अंतरिम जमानत अवधि को सात दिन और बढ़ाने की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। रजिस्ट्री ने कहा कि केजरीवाल को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता है। दिल्ली के सीएम को अब 2 जून तक फिर तिहाड़ जेल में सरेंडर करना होगा। केजरीवाल ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाए जाने संबंधी अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सूचीबद्ध किए जाने का मंगलवार को अनुरोध किया।

अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने अचानक अपना वजन छह से सात किलोग्राम कम हो जाने के कारण कई मेडिकल जांच कराने के लिए शीर्ष अदालत (Supreme Court) से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के संबंध में कोई भी फैसला चीफ जस्टिस (CJI) लेंगे, क्योंकि मुख्य मामले पर फैसला पहले से सुरक्षित है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस के वीविश्वनाथन की अवकाश पीठ ने मंगलवार को केजरीवाल की अंतरिम याचिका को स्वयं सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी से पूछा कि याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पिछले सप्ताह तब क्यों इसका उल्लेख नहीं किया गया, जब मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ में शामिल जस्टिस दीपांकर दत्ता अवकाश पीठ में बैठे थे। मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत देने वाली पीठ की अध्यक्षता जस्टिस संजीव खन्ना ने की थी।

पीठ ने कहा, "जब जस्टिस दत्ता पिछले सप्ताह अवकाश पीठ में बैठे थे, आपने तब इसका उल्लेख क्यों नहीं किया? माननीय CJI को निर्णय लेने दें क्योंकि यह औचित्य का मुद्दा उठाता है... हम इसे सीजेआई को भेजेंगे।" सिंघवी ने कहा कि डॉक्टरों का परामर्श परसों मिला था और इसलिए पिछले सप्ताह उस अवकाश पीठ के समक्ष इसका उल्लेख नहीं किया जा सका जिसमें जस्टिस दत्ता शामिल थे।

उन्होंने कहा, "अगर इसे डिजिटल माध्यम से भी उस पीठ (जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता की) के समक्ष सूचीबद्ध किया जाता है तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है।" पीठ ने कहा, "चूंकि केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत देने वाली जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता की पीठ ने मुख्य याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, इसलिए जमानत की अवधि बढ़ाए जाने पर फैसले के लिए याचिका को CJI के समक्ष रखना उचित होगा।"

केजरीवाल ने 9 जून तक मांगी थी जमानत

केजरीवाल ने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा है कि वह जेल लौटने के लिए न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई तिथि 2 जून के बजाय 9 जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। याचिका में कहा गया था कि उनका वजन छह से सात किलोग्राम कम हो गया है। साथ ही उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है, जो गुर्दा (किडनी), हृदय की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है।

याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को 'पैट-सीटी स्कैन' सहित कुछ चिकित्सकीय जांच कराने की जरूरत है। 'पैट-सीटी स्कैन' यानी 'पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-कंप्यूटेड टोमोग्राफी' जांच के जरिए शरीर के अंगों एवं ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें ली जाती हैं।

21 दिन की मिली थी जमानत

शीर्ष अदालत ने 10 मई को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को प्रचार करने के लिए एक जून तक यानी 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके अनुसार उन्हें दो जून को जेल लौटना है। केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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