Arvind Kejriwal Arrested: CM अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, CBI ने आबकारी नीति मामले में किया गिरफ्तार

Arvind Kejriwal Arrested: बुधवार को सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है.

Update: 2024-06-26 07:27 GMT

Arvind Kejriwal Arrested: दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाला मामले में बड़ा झटका लगा है. बुधवार को सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है. अरविंद केजरीवाल को बुधवार को संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया था. जहाँ पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा 17 आरोपियों के खिलाफ 4 आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं. 

जानकारी, बुधवार को अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. जहाँ सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी. सीबीआई की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा, "मैं अनुमति मांग रहा हूं क्योंकि वह हिरासत में हैं और जांच मेरा विशेषाधिकार है. मैं पूछताछ और औपचारिक गिरफ्तारी के लिए अरविंद केजरीवाल की औपचारिक हिरासत की मांग करना चाहता हूं."

कोर्ट की इजाजत के बाद CBI ने पहले कोर्ट रूम में ही अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की उसके बाद औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार कर लिया है. अरविंद केजरीवाल 5 दिन की सीबीआई की की हिरासत रहेंगे. सीबीआई की गिरफ्तारी से उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी. सीबीआई उनसे शराब घोटाला मामले में पूछताछ करेगी. 

इससे पहले सीबीआई ने मंगलवार को तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की थी और शराब घोटाला मामले में उनका बयान दर्ज किया था. वहीँ दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उनकी जमानत पर रोक लगा दी थी. 

निचली अदालत ने खारिज कर दी थी ED की मांग

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20 जून को ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने ED की दलीलों को खारिज करते हुए 1 लाख रुपये के मुचलके पर केजरीवाल को जमानत दी थी। सुनवाई के दौरान ED ने जमानत के विरोध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 48 घंटों का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उसकी मांग खारिज कर दी थी। उसके बाद ED ने तत्काल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी और 21 जून को कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी।

क्या है मामला

दरअसल, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इस नीति के तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए थे, जहां प्रत्येक जोन में अधिकतम 27 दुकानें खोली जानी थीं। कुल मिलाकर 849 दुकानों का प्रस्ताव था। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को निजी कर दिया गया था। पहले, राजधानी में 60 प्रतिशत शराब की दुकानें सरकारी थीं और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं, लेकिन नई नीति के बाद 100 प्रतिशत दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। सरकार ने इस नीति के तहत दावा किया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का लाभ होगा। हालांकि, बाद में यह नीति दिल्ली सरकार के लिए समस्या बन गई।

2022 में सामने आया था मामला

शराब नीति घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के माध्यम से हुआ था। इस रिपोर्ट में नरेश कुमार ने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को शराब नीति मामला दर्ज किया था। इसके बाद इसमें पैसों की हेराफेरी भी सामने आई, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी मामला दर्ज किया।


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