बिग ब्रेकिंग : ममता चंद्राकर होगी संगीत विश्वविद्यालय की नयी कुलपति…. राजभवन से जारी हुआ नियुक्ति का आदेश… जानिये कौन हैं ममता चंद्राकर, जो संभालेगी कला विश्वविद्यालय की कमान

Update: 2020-07-21 12:42 GMT

रायपुर 21 जुलाई 2020। ममता चंद्राकर को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया गया है। राज्यपाल अनुसूईया उईके ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। दो कार्यकाल तक कुलपति रही प्रो डॉ मांडवी सिंह की जगह अब ममता चंद्राकर लेंगी। आपको बता दें कि प्रो मांडवी सिंह का दूसरा कार्यकाल भी 10 मई 2019 को खत्म हो चुका था, लेकिन उनकी जगह पर नये कुलपति की नियुक्ति नहीं की गयी थी।

कौन है ममता चंद्राकर

ममता चंद्राकर छत्तीसगढ़ की मशहूर लोकगायिका है। छत्तीसगढ़ का राजगीत बना अरपा पैरी के धार भी ममता चंद्राकर ने ही गाया है। उन्हें साल 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था। कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ से यह नौवां पुरस्कार था। ममता चंद्राकर वर्तमान में आकाशवाणी केन्द्र रायपुर में बतौर निदेशक पदस्थ हैं। वे चार दशक से ज्यादा समय से छत्तीसगढ़ी लोकगीत गा रही हैं और एक लंबे अरसे से रेडियो में …तोर मन कइसे लागे राजा……जैसे गीत गूंज रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यह छत्तीसगढ़ और यहां की जनता का सम्मान है।उल्लेखनीय है कि ममता चंद्राकर लोकगीत के लिए मशहूर हैं और जब भी सुआ, गौरा गौरी, बिहाव, ददरिया कहीं बजता है तो उसमें ममता चंद्राकर के गीत जरूर सुनाई पड़ते हैं। मशहूर गायिका ममता चंद्राकर बचपन से लोकगीत गाते आ रही हैं। इसमें उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर का पूरा सहयोग रहा है और कई दशकों से छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में रेडयो और सीडी में उनके गीत सुनाई पड़ रहे हैं। उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर भी लोककला के संरक्षक थे। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज का जादू बिखेरा है।

 

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