LIVE छापा UPDATE : पहचान छुपाकर पहुंचे थे अफसर….गाड़ियों पर लिखा था- “आचार्य विक्रम भट्ट का मोबाइल नंबर”…..छापा के एक घंटे पहले ही पहुंच गये ठिकानों के आसपास…..पहले घर मालिक की मौजूदगी पूछी, फिर दाखिल हुए अंदर….जानिये छापे से जुड़ी खास बातें

Update: 2020-02-27 08:20 GMT

रायपुर 27 फरवरी 2020। ….राजधानी रायपुर के 8 बड़े नामों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की जो कार्रवाई चल रही है…वैसी कार्रवाई 20 सालों में कभी नहीं हुई। राज्य गठन के बाद अब तक की ये सबसे बड़ी कार्रवाई कही जा रही है। जिसके लपेटे में ब्योरक्रेट से लेकर नेता, कारोबारी और चार्ट्ड एकाउंटेंट तक सभी आये हैं। इनकम टैक्स विभाग की ये कार्रवाई इतनी गुप्त थी कि किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई। राज्य की पुलिस तो छोड़िये प्रदेश का इनकम टैक्स विभाग भी इस पूरी कार्रवाई से अनजान रहा।

पहचान छुपाकर पहुंचे अफसर

अधिकारियों ने छापेमारी को गुप्त रखने के लिए अपनी पहचान छुपा रखी थी। वो अलग-अलग सरकारी विभाग के स्टीकर लगे गाड़ी से पहुंचे थे। पुलिस की टीम की भी मूवमेंट सिविल ड्रेस में करायी गयी थी, ताकि सूचना किसी को नहीं लग सके। जिन गाड़ियों को छापेमारी में इस्तेमाल किया गया, उनमें से अधिकांश गाड़ियां प्रदेश के बाहर रजिस्टर्ड गाड़ियां हैं। किसी गाड़ी में पर्यटन विभाग का स्टीकर लगा था, तो किसी में महोत्सव, अखिल भारतीय वैदिक और सांस्कृतिक आयोजन के स्टीकर चिपका दिये गये थे। हालांकि अधिकांश जगहों पर जो स्टीकर लगी गाड़ियां दिखी, उनमें – अखिल भारतीय बौद्धिक उत्थान संस्थान फरीदबाद…शैक्षणिक पर्यटन भिलाई, सूत्रधार- आचार्य विक्रम भट्ट, 8448841618

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छापे में सेंट्रल फोर्सेस का इस्तेमाल

अमूमन छापेमारी के दौरान लोकल पुलिस से मदद ली जाती है। एसपी से पुलिस बल मांगे जाते हैं, लेकिन इस कार्रवाई में ना तो जिला प्रशासन से कोई मदद ली गयी और ना ही कोई जानकारी दी गयी। इस छापेमारी में 200 से करीब जिन जवानों को तैनात किया गया था, वो सभी CRPF के थे।

सुबह 7 बजे ही पहुंच गयी थी ठिकानों पर

खबर से होटलों में रूकी कई अफसरों की टीम निकलकर ठिकानों पर सुबह 7 बजे तक पहुंच चुकी थी, लेकिन आते के साथ घुसने की कोशिश अफसरों ने नहीं की….बंगले में तैनात लोगों और आसपास के लोगों से बात करने के बाद दबिश की प्रक्रिया शुरू हुई। जिस अंदाज में कारोबारियों के बारे में लोगों से जानकारी इकट्ठा करायी गयी, उससे साफ है कि टीम ये इत्मिनान होना चाहती थी, कि जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी है, वो घर के अंदर ही मिले।

पहली बार अफसर निशाने पर

पहली बार अफसरों को छत्तीसगढ़ में आईटी टीम के निशाने पर आते देखा गया है। फिर बात पूर्व चीफ सिकरेट्री की हो या फिर आबकारी विभाग के ओएसडी अरूणपति त्रिपाठी हों।

कई CA के ठिकानों पर भी छापा

पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अफसरों के अलावे चार्टर एकाउंटेंट के खिलाफ भी आईटी की टीम ने दबिश दी है। अभी तक 4 से ज्यादा चार्टर एकाउंटेंट के ठिकानों पर कार्रवाई हो रही ही है। सीए संजय संचेती, सीए अजय सिंधवानी सहित कई अन्य सीए के ठिकानों पर छापेमारी की गयी है। ये कार्रवाई बताती है कि इन चार्टर एकाउंटेंट के जरिये उनके क्लाइंट के राज खोले जा सकते हैं।

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