कोरोना वायरस की तरह हंता वायरस घातक नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना की तरह हवा यानि सांस के जरिए नहीं फैलता है। इसके साथ ही यह चूहे या फिर गिलहरी के संपर्क में आने वाले इंसान को संक्रमित करता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक चूहों के कारण हंता वायरस के संक्रमण का खतरा रहता है। अगर कोई स्वस्थ्य व्यक्ति भी हंता वायरस के संपर्क में आता है तो उसके भी संक्रमित होने का खतरा रहता है।
हालांकि हंता वायरस एक शख्स से दूसरे में नहीं जाता, लेकिन यदि कोई व्यक्ति चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। इससे संक्रमित शख्स को बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया हो सकता है। इस तरह के लक्षण वाले संक्रमित शख्स के इलाज में देरी होने पर फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे उसे सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
कैसे फैलता है?
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यह वायरस चूहों के जरिए फैलता है। यह हवा के जरिए नहीं फैलता है। यह उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जो चूहों के मल-मूत्र, सलाइवा और इन चीजों को चेहरे तक ले जाते हैं।
कोरोना होने पर बचने के चांस ज्यादा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण मौत का ग्लोबल रेट सटीक तरह से पता लगने में कुछ वक्त लग सकता है। फिलहाल इसे 3-4% के बीच माना जा रहा है। वहीं, फरवरी में जारी रिपोर्ट के मुताबिक COVID19 से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन में यह दर 3.8% था जो अब 4% पार कर चुका है। वहीं, अमेरिका में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का डेथ रेट 1.2% है। यानी कि कोरोना वायरस के इन्फेक्शन होने पर बचने के चांस काफी ज्यादा होते हैं।
क्या वाकई जानलेवा है हंता वायरस?
हंता वायरस जानलेवा है। सीडीसी के मुताबिक इससे संक्रमित 38 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है। चीन में हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब पहले से ही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अपना प्रकोप दिखा रहा है।
कोरोना को संयुक्त राष्ट्र पहले ही वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया में 3 लाख 82 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए हैं। कोरोना वायरस 196 देशों में फैल चुका है।