Bore Basi Meal Benifits Hindi: पिज्जा-चाऊमीन तो बहुत खाया होगा... आइये खाये अब "छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी", स्वाद के साथ है सेहत से "भरा कटोरा"

बोरे-बासी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह सेहत और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है.

Update: 2025-04-21 09:46 GMT
Bore Basi Meal Benifits Hindi: पिज्जा-चाऊमीन तो बहुत खाया होगा... आइये खाये अब "छत्तीसगढ़िया बोरे-बासी", स्वाद के साथ है सेहत से "भरा कटोरा"
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Bore Basi Meal Benifits Hindi: छत्तीसगढ़िया और बोरे-बासी का काफी पुराना रिश्ता है। अब आप सोच रहे होंगे यह कैसी डिश है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसे एक भी घर नहीं होंगे जहाँ इसे नहीं खाया जाता होगा। यह एक ऐसा छत्तीसगढ़ी व्यंजन है जिसे गर्मी के मौसम में लू लगने, बेहतर पाचन और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए बड़े चाव से खाया जाता है ।

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण से लेकर कई शहरी घरों में भी सुबह की शुरुआत प्रतिदिन बोरे-बासी खाने से होती है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बोरे-बासी का सेवन करते हैं. बोरे-बासी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह सेहत और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है.

पाचन तंत्र बेहतर होता है

बासी चावल की तासीर ठंडी होती है. इसी वजह से ये शरीर को गर्मी से बचाता है और शरीर का तापमान ठंडा रखता है. बासी हमारी आँतों में गुड बैक्टीरिया को बढाता है, जिससे पाचन तंत्र बेहतर होता है. साथ ही बासी में फाइबर की मात्रा भी काफी अधिक होती है, जिससे कब्ज को दूर कर शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है. ज्यादातर ये कहा जाता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है. लेकिन बासी चावल वजन को कम करने में काफी असरदार है.

बी12 का अच्छा स्रोत है बोरे-बासी

बोरे-बासी स्किन को भी बेहतर बनाता है एवं आयरन, कैल्शियम, पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ साथ विटामिन बी12 का सबसे अच्छा श्रोत है. आपके ब्लड और हाइपरटेंशन को कंट्रोल में रखता है.

ओडिशा में पोखला भात के नाम से प्रसिद्ध

छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत के कई राज्यों में बोरे-बासी खाया जाता है. सिर्फ नाम का अंतर है. बिहार में इसे गीला भात या पानी भात कहते हैं. वहीँ असमिया इसे पोइता भात कहते हैं. ओडिशा में पोखला भात के नाम से प्रसिद्ध है. पश्चिम बंगाल में इसे पंता भात के नाम से जाना जाता है. हर राज्य में लोग सुबह के समय खासकर इसे खाते हैं. पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश में भी इसे बड़े चाव से खाया जाता है.

आइये बनाएं बोरे बासी



क्या चाहिए

आपको बोरे बासी बनाने के लिए आपको 2 कप पके हुए चावल, 1 (बारीक कटा हुआ) प्याज, 2-3 (बारीक कटी हुई) हरी मिर्च, 1 (रस निकाल लें) नींबू, नमक स्वादानुसार, हरा धनिया 2 टेबलस्पून (कटा हुआ)

  • चावल भिगोना
  • पके हुए चावल को एक बड़े बर्तन में डालें।
  • चावल में इतना पानी डालें कि वह पूरी तरह से डूब जाए।
  • इस मिश्रण को ढककर रातभर या कम से कम 8 घंटे के लिए छोड़ दें। इसे ‘बासी’ कहा जाता है।

बासी तैयार करना

अगले दिन, बासी चावल को हिलाएं और चेक करें कि वह पूरी तरह से नरम हो गया हो।

तड़का लगाना (अगर ज़रूरी लगे तो)

  • एक पैन में थोड़ा सा तेल गर्म करें।
  • इसमें बारीक कटी प्याज और हरी मिर्च डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
  • भुने हुए प्याज और हरी मिर्च को बासी चावल में मिलाएं।
  • इसमें नमक और नींबू का रस डालकर अच्छी तरह मिलाएं।

कटा हुआ हरा धनिया डालें और एक बार फिर मिलाएं।

ऐसे परोसें




तैयार बोरे-बासी को प्याले (कटोरे) में निकालें और परोसें। बोरे-बासी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे अचार या चटनी के साथ भी खाया जा सकता है। यह डिश गर्मियों में विशेष रूप से ताजगी देती है और पाचन के लिए भी अच्छी मानी जाती है।

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