केदार जैन ने CM भूपेश को लिखा महंगाई भत्ता के मुद्दे पर मार्मिक पत्र….हम शिक्षकों ने जान जोखिम में डालकर इमानदारी से कोरोना काल में सेवा की….उसका ये फल मिल रहा है?”
रायपुर 6 सितंबर 2021। 2 साल के इंतजार के बाद 3 सितंबर को हुए प्रदर्शन पर 4 सितंबर को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान तो राज्य सरकार ने कर दिया। लेकिन, इस ऐलान ने कर्मचारी संगठनों व शिक्षकों में खुशी से ज्यादा नाराजगी भर दी। कई शिक्षक व कर्मचारी संगठन ने इस घोषणा पर अपनी नाराजगी जतायी है। संयुक्त शिक्षक संघ ने भी डीए के इस घोषणा को नाकाफी बताते हुए मार्मिक पत्र मुख्यमंत्री के नाम लिखा है।
दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय सेवकों का जुलाई 2019 से 16% महंगाई भत्ता लंबित है। केंद्र सरकार सहित ज्यादातर राज्य सरकार 28% महंगाई भत्ता प्रदान कर रहे हैं।जिनमे से कई राज्य छत्तीसगढ़ से औसतन कमजोर है। लेकिन छत्तीसगढ़ में आज भी मात्र 12% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। पूरे देश में महंगाई का मानक एक होता है।और यह कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। 3 सितंबर 2021 को प्रदेश के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा लंबित 16% महंगाई भत्ता के मुख्य मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया गया। जिसका व्यापक असर रहा, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा मात्र 5% डीए प्रदान करने का घोषणा किया गया। इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने मुख्यमंत्री को मार्मिक पत्र प्रेषित करते हुए आग्रह किया है कि कोरोना काल में सभी कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक एवं ईमानदारी से निर्वहन किया। जिसका इस तरह से प्रतिफल समझ से परे।
छत्तीसगढ़ राज्य में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों एवं बिजली विभाग के कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जबकि बाकी अन्य कर्मचारियों को सिर्फ 12% महंगाई भत्ता दिया जाना स्पष्ट रूप से सौतेला व्यवहार है। सरकार के द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में गंगाजल लेकर कसम खाते हुए कर्मचारी वर्ग से जो वायदा किया गया था उसे आज अनदेखा किया जा रहा है जो दुखद हैं। साथ ही सरकार का दायित्व है कि वह अपने सभी कर्मचारियों से समान व्यवहार करें। लेकिन यहाँ दोहरा मापदंड अपनाया जाना पूर्णतः अनुचित हैं। प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा कि 5% डीए को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। संघ इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए मांग करता है कि लंबित 16% महंगाई भत्ता का आदेश शीघ्र जारी किया जाए। छत्तीसगढ़ के कर्मचारी, अधिकारी आशान्वित हैं।
यह जानकारी संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी मुकुंद उपाध्याय, अमित दुबे एवं कमलेश गावड़े द्वारा प्रदान किया गया।