अगर आप पीते है सिगरेट तो हो जाइए सावधान….कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा, रिसर्च में सामने आई ये चौंकाने वाली बातें…

Update: 2020-03-27 06:22 GMT

नई दिल्ली 27 मार्च 2020 आप अगर स्मोकिंग करते हैं, तो कोरोना वायरस सीधे आपके फेफड़ों पर वार करता है यानी इसका मतलब यह है कि आपके फेफड़े इतने मजबूत नहीं होते कि वायरस का मुकाबला कर सके। ऐसे में इसका नतीजा यह होता है कि आपको कोरोना इंफेक्शन बहुत जल्दी होने के साथ आपकी रिकवरी के चांस भी बहुत कम होते हैं। स्मोकिंग लोगों को अतिसंवेदनशील बनाता है, जिससे उन्हें गंभीर रूप से कोरोना अपनी चपेट में ले सकता है। यह तथ्य यूरोपियन यूनियन हेल्थ एजेंसी के एक अध्ययन में सामने आया है। वुमेंस हेल्थ और वेलनेस वेबसाइट Healthshots में छपे एक लेख के मुताबिक स्मोकिंग और कोरोना वायरस से जुड़े कई पहलुओं को सामने लाया गया है।

स्मोकिंग करने वालों को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डेटा के अनुसार स्मोकिंग करने वाले लोगों में कोविड-19 वायरस की जद में आने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। आंकड़ों के अनुसार चीन में 80% लोग जो इस बीमारी की चपेट में थे, उनमें वायरस के बहुत कम लक्षण दिखाई दिए थे जबकि यूरोप में यह आंकड़ा 70% था लेकिन 10 में से 3 मामलों को हॉस्पिटलाइजेशन की सख्त जरुरत थी। वहीं, 70 साल से ऊपर आयु वाले मरीज जिन्हें हाइपर, डायबिटीज, कॉडियोवास्कुलर की शिकायत थी, वो कोविड-10 से सबसे ज्यादा पीड़ित थे। इन मरीजों में पुरुषों की संख्या ज्यादा थी। रिपोर्ट में ये तथ्य भी सामने आए।

स्मोकिंग करने वाले ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के लक्षण के रूप में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत भी देखी गई। बुजुर्गों की तुलना में स्मोकिंग करने वाले लोगों की मौत में तेजी से इजाफा हुआ। वही, चीन के डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस के 99 मरीजों का सैम्पल जांच के लिए लिया था। इस जांच में उन्होंने पाया कि धूम्रपान करने वाले लोगों की मौत का आंकड़ा बुजुर्गों की तुलना में काफी ज्यादा था।

इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कारोलीना के एक अध्ययन में कहा गया है कि स्मोकिंग से फेफड़ों में एग्जाइंम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है, जिससे ACE2 कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ती है। वहीं ACE2 (angiotensin-converting enzyme 2) उम्र और कुछ अन्य कारकों जैसे हाइपरटेंशन के इलाज से भी बढ़ता है। यह दोनों बेहद खतरनाक तथ्य हैं।

 

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