Nervous System Function : सांस लेना, हिलना-डुलना यहाँ तक याददाश्त के लिए भी ज़िम्मेदार "Nervous System", जरा भी लापरवाही पड़ेगी भारी
nervous system function : आपका नर्वस सिस्टम (Nervous System) खराब होने पर भी शरीर आपको कुछ संकेत देता है, जिससे यह पहचाना जा सकता है नर्वस सिस्टम में खराबी है या नहीं।
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तंत्रिका तंत्र (Nervous System) बहुत ज़रूरी है। तंत्रिका तंत्र शरीर के लगभग सभी कार्यों जैसे सांस लेना, हिलना-डुलना और याददाश्त के लिए ज़िम्मेदार होता है। इसके अलावा यह शरीर के विभिन्न भागों के बीच संकेतों और सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी कार्य करता है। लंबे समय तक तनाव और नींद की कमी तंत्रिका तंत्र को खराब कर सकती हैं। खराब या असंतुलित तंत्रिका तंत्र के कई मानसिक और शारीरिक लक्षण होते हैं।
न्यूरो एक्सपर्ट एंड सर्जन डॉ अमित मुखर्जी के अनुसार नर्वस सिस्टम (Nervous System) खराब होने पर भी शरीर आपको कुछ संकेत देता है, जिससे यह पहचाना जा सकता है नर्वस सिस्टम में खराबी है या नहीं। नर्वस सिस्टम यानि तंत्रिका प्रणाली जिसे मानव शरीर का मुख्य अंग माना जाता है। इसके अनियंत्रित हो जाने पर मनुष्य की सोचने समझने की क्षमता भी प्रभावित हो जाती है। माना जाता है कि नर्वस सिस्टम हमारी शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करता है। नर्वस सिस्टम का डैमेज होना मतलब पैरालाइसिस (Paralysis) जैसी गंभीर बीमारियां होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आपका नर्वस सिस्टम ही आपके दिमाग को कोई भी गतिविधी करने के लिए प्रेरित करता है और दिमाग को सुचारू रखता है। नर्वस सिस्टम में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और कुछ संवेदनशील अंग (Sensitive Part) होते हैं।
हमारा नर्वस सिस्टम हमारी इंद्रियों के माध्यम से जानकारी लेता है और शरीर को प्रतिक्रियाएं देता है। उदाहरण के तौर पर समझें तो यदि आपने किसी बिजली के तार को हाथ लगाया उससे आपको झटका लगा तो ऐसे में आपका नर्वस ही है जौ आपको अपना हाथ पीछे करने की प्रतिक्रिया देतै है। वहीं रीढ़ की हड्डी और आपका मस्तिष्क मिलकर आपको सेंटर्ल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) यानि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बनाते हैं। किसी भी गतिविधि को करते समय आपका ब्रेन आपके न्यूरॉन्स को संदेश पहुंचाता है।
असंतुलित तंत्रिका तंत्र के लक्षण
1. एकाग्रता की कमी
तांत्रिक तंत्र असन्तुलि होने की स्थित में आपका दिमाग हमेशा थका हुआ महसूस करता है और आपको उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है, जिसमे पहले आपकी रुचि थी। जिसके चलते आपके लिए निर्णय लेना या स्पष्ट रूप से सोचना मुश्किल हो जाता है।
2. नींद की कमी
एक स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम 7 से 9 घंटे नींद जरूरी होती है। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो यह आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। नींद की यह कमी आपकी थकान को बढ़ाती है।
3. मांसपेशियों में तनाव और कमजोरी
आपको लगता है कि आपकी मांसपेशियाँ थकी हुई हैं और आपके शारीरिक मूवमेंट करने में परेशानी हो रही है या हाथों की उंगलियों और पैरों में सुन्नता महसूस होती है, तो समझ जाइए कि आपकी तंत्रिका तंत्र में कुछ समस्या है।
4. चिड़चिड़ापन
आप अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं। अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में परेशानी होती हैं। बिना किसी कारण के उदास और चिंतित रहते हैं। हमेशा बेचैनी बनी रहती है। जिसके चलते आपको लगातार कुछ न कुछ करने की ज़रूरत महसूस होती है। आपको स्थिर नहीं बैठ पाते।
5. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
तंत्रिका तंत्र के असंतुलित होने पर व्यक्ति को अक्सर दोहरी दृष्टि का अनुभव होता है। दृष्टि धुंधली हो जाती है। किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।
6. पाचन संबंधी समस्याएं
तंत्रिका तंत्र असंतुलित होने पर कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं। आपको पेट फूलने का भी अनुभव हो सकता है। स्वस्थ तंत्रिका तंत्र पाचन और मल त्याग को विनियमित करता है। तंत्रिका तंत्र के अव्यवस्थित होने पर व्यक्ति को पेट की समस्याएं होती हैं।
क्या है इसके उपचार (Treatment)
- अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांचते रहें
- कोशिश करें कि वजन नियंत्रित रखें
- रोजाना 5000 से 10000 कदम पैदल चलें
- पाचन तंत्र को ठीक रखें
- डायबिटीज को नियंत्रित करें
- नर्वस सिस्टम में खराबी आने से आपकी जैवनशैली अस्त व्यस्त हो सकती है। इसलिए नर्वस सिस्टम का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए, जिससे आपकी शरीर की कोशिकाओं का संतुलन बना रहे।