Malaria Causes, Symptoms And Prevention: फैल रहा है मलेरिया, यहां जानिए मलेरिया होने का कारण, लक्षण, जटिलताएं और बचाव के उपाय...

Malaria Causes, Symptoms And Prevention: फैल रहा है मलेरिया, यहां जानिए मलेरिया होने का कारण, लक्षण, जटिलताएं और बचाव के उपाय...

Update: 2024-07-16 11:35 GMT

Malaria Causes, Symptoms And Prevention 

Malaria Causes, Symptoms And Prevention: बारिश के साथ बीमारियों का भी मौसम आ गया है। संक्रमित मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से फैलने वाला 'मलेरिया' इन्हीं में से एक बीमारी है जो आर्गन फेल्योर से लेकर मौत तक का कारण बन सकता है। इसलिए इस सीजन में बुखार को हल्के में न लेते हुए तुरंत चैक अप कराना चाहिए। मलेरिया क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख आप खुद को और अपने परिवार को मलेरिया से बचा सकते हैं, आइए जानते हैं...

क्यों होता है मलेरिया

मलेरिया तब फैलता है जब मच्छर पैरासाइट से संक्रमित किसी व्यक्ति को काटने के बाद बीमारी से संक्रमित हो जाता है, और फिर यही मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काट लेता है। तब मलेरिया के पैरासाइट इस व्यक्ति के शरीर में भी पहुंच जाते हैं। इस तरह मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता जाता है।सभी मच्छर मलेरिया के वाहक नहीं होते हैं। मलेरिया का वाहक मच्छर मादा एनाफिलिस होती है जो प्लाज़मोडियम पैरासाइट फैलाती है।

एक बार मानव शरीर में घुस जाने के बाद ये पैरासाइट लिवर में पहुंच जाते हैं और वहीं विकसित होते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ पैरासाइट अविकसित अवस्था में ही लिवर में बने रहते हैं और साल भर बाद तक भी धीरे-धीरे विकसित हो शरीर को बीमार करते रहते हैं।

वहीं विकसित हो चुके पैरासाइट लिवर से निकलकर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित कर देते हैं। इसके बाद ही व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं।

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-

1. ठंड लगकर बुखार आना

2.कंपकंपी लगना

3. तेज सिरदर्द

4. पेट में दर्द,उल्टी-दस्त

5. दवाई से बुखार उतरना,रिपीट होना

6. मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द

7. थकान-कमजोरी

8. असहजता महसूस होना

9. पसीना आना

10. खून की कमी होना

11. हालत बिगड़ने पर मल में खून आना

12. कोमा में जाना

13. ब्रेन डैमेज

14. आर्गन फेल्योर

उपचार

अगर आपको दो से तीन दिन तक लगातार बुखार बना रहे और कंपकंपी महसूस होने समेत शुरुआती लक्षण दिख रहे हों तो बिना समय गंवाए डाॅक्टर को दिखाएं। ब्लड टेस्ट में मलेरिया की पुष्टि होने पर डाॅक्टर लक्षणों की गंभीरता और मलेरिया के पैरासाइट के प्रकार के आधार पर दवाओं का कोर्स तय करेंगे। आपके लिए पूरी अवधि तक दवा को फ़ॉलो करना जरूरी है। समय पर जागने से मलेरिया का इलाज पूर्णतः संभव है।

मलेरिया की जटिलता तब बढ़ जाती है जब-

मलेरिया के लक्षणों को पहचान कर डाॅक्टर से प्राॅपर इलाज करवाना चाहिए। देरी करने पर और बिना इलाज घर में बने रहने पर ये जटिलताएं सामने आ सकती हैं।

1. मलेरिया के दौरान ब्लड सेल्स नष्ट हो जाती हैं और पर्याप्त नई लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पातीं। तब व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है। उसके शरीर में रक्त की अत्यधिक कमी हो जाती है।

2. मलेरिया होने पर मस्तिष्क की ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है। साथ ही इससे मस्तिष्क की क्षति भी हो सकती है। इससे व्यक्ति को दौरे आ सकते हैं और वह कोमा में भी जा सकता है।

3. मलेरिया बिगड़ने पर फेफड़ों में 'पल्मोनरी एडिमा' नामक तरल पदार्थ भर जाता है, इससे सांस लेने में कठिनाई पैदा हो सकती है।

4. देरी करने से लिवर और किडनी के फेल होने की भी संभावना बनी रहती है।

5. मलेरिया होने पर ब्लड शुगर तेजी से नीचे गिरने लगती है। ब्लड शुगर के बहुत कम हो जाने के कारण कोमा या मृत्यु तक हो सकती है।

6. गर्भवती को मलेरिया होने पर गर्भस्थ शिशु को भी मलेरिया हो सकता है।

बचाव के उपाय

मलेरिया होने के बाद तमाम समस्याओं का सामना करने, उपचार कराने और जटिलताओं से बचने के बजाय कोशिश करनी चाहिये कि मलेरिया होने ही न पाए। इस मौसम में मलेरिया फैलने की ज्यादा आशंका रहती है तो सावधानी भी ज्यादा रखने की ज़रूरत है। मलेरिया से बचने के लिए ये उपाय अपनाए जाने चाहिए-

1. अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें।मादा मच्छर पानी में अंडे देती है।

2. कूलर, फ्रिज की ट्रे, कबाड़, गमले के नीचे की ट्रे, खुले बर्तनों आदि में पानी न भरा रहने दें।

3. मॉस्किटो रिपेलेंट का प्रयोग करें।

4. शरीर पर मच्छरों से बचाने वाली क्रीम लगाएं।इसकी गंध से मच्छर त्वचा पर नहीं बैठते हैं।

5.मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।

6. बच्चों को देर शाम में बाग-बगीचों में खेलने से रोकें, वहां मच्छर ज्यादा होते हैं।

7. रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

8. घर में और आसपास नीम के पत्ते का धुआं किया जा सकता है। 

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