हरदेव सिन्हा आत्मदाह प्रकरण पर स्थगन प्रस्ताव: विपक्ष ने सरकार को घेरा, पूछा, “कहाँ है रोजगार…गृह मंत्री ताम्रध्वज बोले…

Update: 2020-08-27 10:17 GMT

रायपुर,27 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री निवास के समक्ष आत्मदाह करने वाले हरदेव सिन्हा मसले पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को सवालों से घेर दिया। विपक्ष ने इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।जिसकी ग्राह्यता पर चर्चा जारी है।
विपक्ष की ओर से पेश स्थगन की ग्राह्यता के पक्ष में बोलते हुए अजय चंद्राकर ने कहा –
“बेरोज़गार भत्ता को लेकर गंगाजल हाथ मे ले कर बोले थे.. कहाँ है भत्ता .. भर्तियों का आदेश क्यों नहीं जारी करते.. परीक्षाओं का नतीजा जारी क्यों नहीं करते.. रोज़गार के नाम पर मनरेगा है आपके पास.. मोटरसायकिल बिकने से आर्थिक उछाल बताते हैं.. पर सच यह है कि. लोग आत्मदाह कर रहे हैं।
विपक्ष की ओर से पेश स्थगन प्रस्ताव में लिखा गया –
“ हरदेव सिन्हा दो दिन से भूखा था.. सत्ताधारी पार्टी संसदीय सचिव इत्यादि नियुक्ति में लगी रही.. सरकार में मौलिक अधिकार और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर भी रोक है..”
धमतरी विधायक रंजना दीपेन्द्र साहू ने इस मसले पर कहा –
“मृतक मेरे घर से तीन किलोमीटर दूर रहता था और विक्षिप्त नहीं था”
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा –
“मुख्यमंत्री से ज़्यादा शक्तिशाली कौन है नागरिक वहाँ भी जाकर अपनी बात नहीं कह पाएगा तो कहाँ कहेगा। बेरोज़गारी भत्ता का पता नहीं है.. भर्तियों के नतीजे नहीं आ रहे हैं.. आपकी व्यवस्था में ख़ामी है खोट है”
इस स्थगन प्रस्ताव पर सरकार की ओर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब में बताया –
“युवक ने सीएम हाउस के पास आत्महत्या की कोशिश की, उसे पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, बेहतर उपचार की व्यवस्था की गई। युवक ने अपने बयान में किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है… प्रकरण को दबाने के लिए किसी कव्हरेज से नहीं रोका गया.. उपचार के लिए नौ लाख से अधिक उपचार का बिल राज्य शासन ने दिया है। सूबे में कई भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना के कारण जरूर कुछ विलंब हो रहा है।”
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अंत में इस स्थगन प्रस्ताव को शासन के जवाब के बाद अग्राह्य कर दिया है।

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