SOMVATI AMAVASYA 2024 : सोमवती और भौमवती अमावस्या, दो दिन अमावस्या होने पर बन रहा शिव साध्य और सिद्ध योग... प्रत्येक मनुष्य के लिए लाभदायक

SOMVATI AMAVASYA 2024 on Tomorrow :

Update: 2024-09-01 16:22 GMT

SOMVATI AMAVASYA 2024 on Tomorrow :  कल सोमवती अमावस्या है. सोमवार को अमावस्या होने पर इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या मंगलवार प्रातः 7.24 बजे तक होने से मंगलवार को भौमवती अमावस्या भी है।

शहर के प्रमुख ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार  इस तरह दो दिन अमावस्या होने से यह एक अ‌द्वितीय योग बन गया है, जो की सभी समस्याओं के लिए उपयुक्त है। शिव साध्य और सिद्ध योग होने से प्रत्येक मनुष्य के लिए लाभदायक होगा।

ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या को विशेष तिथि माना गया है. मान्यता है कि इस दिन किए गए उपाय, टोटके विशेष ही शुभ फल प्रदान करते हैं. अतः जीवन में आ रही समस्त परेशानियों को दूर करने के लिए अमावस्या पर ये उपाय अवश्य आजमाने चाहिए.




* अमावस्या के दिन भूखे प्राणियों को भोजन कराने का विशेष महत्व है.


* अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं, गोलियां बनाते समय भगवान का नाम लेते रहें. इसके बाद समीप स्थित किसी तालाब या नदी में जाकर ये आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें. इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है.


* इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं. ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे. यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे.


करियर-बिजनेस में तरक्की के लिए करें ये उपाय


* इस दिन कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें. सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है.


* बेरोजगार व्यक्ति अगर अमावस्या की रात ये उपाय करें तो निश्चित ही उसे रोजगार प्राप्त होगा. इसके लिए 1 नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रख दें. फिर रात के समय इसे 7 बार बेरोजगार व्यक्ति के सिर से उतार लें और 4 बराबर भागों में काट लें. फिर एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसको फेंक दें. इस उपाय से बेरोजगार व्यक्ति को लाभ की संभावना बनेगी.


• जिसे कालसर्प दोष हो, उन व्यक्तियों को अमावस्या के दिन किसी अच्छे पंडित से अपने घर में शिवपूजन एवं हवन करवाना चाहिए.


* शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं. बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें. साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें. यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है.


अमावस्या वाली रात्रि को 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये बहती नदी के पानी में छोड़ें. इस उपाय से धन का लाभ प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे.

सभी समस्याओं का होगा समाधान




इस दिन स्वास्थ्य, शिक्षा, कानूनी विवाद, आर्थिक परेशानियों और पति पत्नी सम्बन्धी विवाद के समाधान हेतु किये गये उपाय अवश्य सफल होंगे।

1. वे जातक जिनकी कुंडली में शनि नीच का होकर मेष राशी में है, और जीवन में व्यवसायिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। वे आज के दिन पीपल के पेड पर तिल के तेल का दीपक जला कर रखें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का पेड के नीचे ही बैठ कर 108 जाप करें तो अवश्य लाभ होगा।

2. यदि पति का स्वास्थ्य ठीक नही है और घर में मांगलिक कार्य भी नही हो रहे हों तो पीपल के पेड की 108 परिक्रमा या शारीरिक योग्यता के अनुसार परिक्रमा करते हुए सूत का धागा लपेटें। "नारायणाय नमः" मंत्र का जाप करें।

3. यदि किसी असाध्य बिमारी से ग्रस्त हैं या किसी पारिवारिक विवाद से परेशान हैं तो कोई भी पारिवारिक सदस्य, संकल्प लेकर पीपल के पेड की 108 प्रदक्षिणा याने चक्कर लगाये और प्रत्येक प्रदक्षिणा के पश्चात कोई भी एक मिठाई या मेवा रखे। केवल एक सोमवती अमवास्या को ही इस प्रक्रिया को करने से लाभ होता है। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन सोमवती अमावास्या तक करने से समस्या से मुक्ति मिलती है। इस प्रक्रिया से पितृ दोष का भी समधान होता है।

4. चूंकि सोमवार, शिव जी को समर्पित दिन है अतः सोमवती अमावास्या को शिवजी का अभिषेक या रुद्राभिषेक का आयोजन करने से पारिवारिक शांति मिलती है। इस दिन किसी भी शिवालय में सपरिवार, जाकर दर्शन करने मात्र से बहुत लाभ होता है।

5. पितृदोष सम्बन्धी समस्याओं के समधान हेतु इस दिन दोपहर को काली तिल का दान करने से लाभ होता है।

धोबी परिवार को दान दें :

सोमवती अमावास्या के सम्बन्ध में शास्त्रों में एक कथा भी मिलती है, जिसके अनुसार एक कन्या की कुंडली मे विवाह योग नही होता है। एक संत उसे धोबी के घर में जाकर सेवा करने से विवाह हो जाने की बात कहते हैं। वह कन्या गोपनीय रूप से प्रतिदिन प्रातः काल पडोस के गाँव के धोबी के घर जाकर उनके घर क सार कार्य कर के लौट आती है। एक दिन जब धोबी परिवार की महिला को इस बात का पता लगता है तो वह प्रसन्न ईश्वर से उस कन्या के विवाह हेतु ईश्वर से प्रार्थना करती है। उसी दिन कन्या पीपल के पेड की 108 प्रदक्षिणा कर घर लौटती है, और उसका विवाह हो जाता है। इस कथा के कारण ही यह विधान भी है कि सोमवती अमवास्या के दिन अपने मनोरथों की पूर्ति के लिये लोग धोबी परिवार को भेंट इत्यादि देते है।

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