Shani Jayanti 2024 : शनि न्याय, सत्कर्म के देवता... ये विशेष उपाय से मिलेगी तरक्की

शनि के तुला राशी में प्रवेश करते ही ईमानदार, परिश्रमी और सहनशील व्यक्तियों को प्रकृति और समाज से न्याय मिलना प्रारम्भ हो जायेगा|

Update: 2024-06-03 09:08 GMT

ज्येष्ठ मास की अमावास्या को शनि जयंती  मनाई जाती है| इस बार शनि जयंती 06 जून 2024 को है.  गोचर में अभी शनि स्वग्रही होकर दशम भाव में है| सभी के लिए अत्यंत लाभप्रद है| आप कितने ही परिश्रमी क्यों न हो, यदि कर्म करने का अवसर न मिले तो जीवन में हताशा आ जाती है|

शनि न्याय, सत्कर्म प्रेरित जीवन और सत्कर्म करने का अवसर प्रदान करने वाले देव है| स्पष्ट है कि शनि के तुला राशी में प्रवेश करते ही ईमानदार, परिश्रमी और सहनशील व्यक्तियों को प्रकृति और समाज से न्याय मिलना प्रारम्भ हो जायेगा|



विशेष उपाय 

१- एक नीली दवात की शीशी पर सिन्दूर का टीका लगा कर उस पर मौली का धागा बान्ध दें और रात्रि लक्ष्मी पूजा के उपरांत “ ऊँ क्रीं काल्यै नम:” मंत्र से उस पर लाल चावल चढायें। तत्पश्चात इस शीशी को अपने लॉकर मे राखी दें। लाभ होगा।

२-  व्यापार वृद्धि रात्रि किसी कुयें पर जायें और एक घी का दीपक जला कर लक्ष्मी मंत्र “ श्रीं श्रीं श्रीं कमले कमलालये महालक्ष्मी देवी आगच्छ आगच्छ” का जाप करें। दीपक रात भर जलता रहे।

३- कर्ज और शनि यदि धनाभाव के कारण या लालसा के कारण अत्याधिक कर्ज हो गये हो तो इसका मूल कारण आपकी कुंडली मे शनि की विपरीत स्थिति हो सकती है। शनि का राहु युक्त होकर एकादश भाव या द्वादश भाव पर दृष्टि डालना कर्ज का कारण बन सकता है। शनि और चन्द्र की युति भी आर्थिक कमजोरी और अत्याधिक कर्ज का कारण बन सकती है।

ये भी करें 

1. काजल की डिब्बी सदैव अपने साथ रखें।

2. पीपल के वृक्ष को काली तिल और जल प्रत्येक शनिवार को चढायें।

3. अमावास्या के दिन काली तिल काला वस्त्र और कोयले को अपने ऊपर से उतारकर जल मे प्रवाहित करने से लाभ होगा।

4. ऊँ शं शनैश्च्रराय नम: मंत्र का जाप प्रतिदिन करें।

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