Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : अयोध्या से रामलला आरती लाइव : करोड़ों भक्तों को मिला अलौकिक दर्शन का सौभाग्य, आप भी करें घर बैठे दर्शन

Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : 14 दिसंबर, 2025 - प्रभु श्री राम की पावन नगरी अयोध्या आज सुबह एक बार फिर भक्ति और उल्लास के सागर में डूबी नजर आ रही।

Update: 2025-12-14 01:41 GMT

Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : अयोध्या से रामलला आरती लाइव : करोड़ों भक्तों को मिला अलौकिक दर्शन का सौभाग्य, आप भी करें घर बैठे दर्शन

Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : अयोध्या, 14 दिसंबर, 2025 - प्रभु श्री राम की पावन नगरी अयोध्या आज सुबह एक बार फिर भक्ति और उल्लास के सागर में डूबी नजर आ रही। भव्य राम मंदिर में विराजमान बालरूप रामलला की प्रातः कालीन मंगला आरती (Mangala Aarti) में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से आए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।

Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : आज सुबह मंदिर परिसर भक्तों के जयघोष जय श्री राम से गूंज रहा था। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला को जगाया गया और पारंपरिक विधि-विधान से स्नान कराया गया। इसके उपरांत, उन्हें नवीन वस्त्र धारण कराए गए और उनका मनमोहक श्रृंगार किया गया। रामलला को विशेष रूप से पीले और लाल रंग के पुष्पों से सजाया गया।

Full View

Ramlala Darshan Live 14 December 2025 : जैसे ही मुख्य पुजारियों द्वारा आरती प्रारंभ की गई, मंदिर का वातावरण अत्यंत दिव्य और भावनात्मक हो उठा। घंटियों, नगाड़ों और शंख की ध्वनि के साथ दीयों की जगमगाहट ने भक्तों को एक अलौकिक अनुभव प्रदान किया। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बावजूद, रामलला के दर्शन की एक झलक पाने की लालसा भक्तों के चेहरे पर स्पष्ट दिखाई दी। यह दृश्य सिद्ध करता है कि अयोध्या का राम मंदिर अब करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है।

भगवान राम की पूजा का महत्व

भगवान राम की पूजा का महत्व केवल धार्मिक अनुष्ठान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को मर्यादा, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रभु राम को 'मर्यादा पुरुषोत्तम' कहा जाता है, क्योंकि उनका जीवन एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति और आदर्श शासक का प्रतीक है। उनकी पूजा करने से भक्तों को धैर्य, साहस और विपरीत परिस्थितियों में अडिग रहने की शक्ति मिलती है। यह मान्यता है कि राम नाम का जप करने मात्र से ही सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति तथा आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। राम की भक्ति करने वाला व्यक्ति जीवन में धर्म की स्थापना करता है और अंततः उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, राम दरबार की पूजा, जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान शामिल हैं, परिवार में प्रेम, सौहार्द और अटूट संबंध स्थापित करने में सहायक मानी जाती है।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का इतिहास

राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या का इतिहास अत्यंत जटिल, भावनात्मक और सदियों पुराने संघर्षों से भरा हुआ है। यह वह पावन स्थल है जिसे हिंदू धर्म में भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है, जिसका उल्लेख प्राचीन धर्मग्रंथों और लोक कथाओं में मिलता है।

अयोध्या में मूल भव्य मंदिर का निर्माण कब हुआ, इसके प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन माना जाता है कि यह स्थान सदियों से पूजित रहा है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, 16वीं शताब्दी में मुगल शासक बाबर के सेनापति मीर बाकी ने इस प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके इसके स्थान पर एक संरचना (बाबरी मस्जिद) का निर्माण करवाया था। इसके बाद से ही इस स्थान के स्वामित्व को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच एक लंबा कानूनी और सामाजिक विवाद शुरू हो गया, जो लगभग पाँच शताब्दियों तक चला।

दशकों तक चले कानूनी विवाद के बाद, नवंबर 2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने विवादित भूमि को राम मंदिर के निर्माण के लिए सौंप दिया और मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में वैकल्पिक भूमि आवंटित की। इस फैसले के बाद, 5 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य श्री राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया और मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ। वर्तमान मंदिर नागर शैली की वास्तुकला पर आधारित है और यह भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत को दर्शाता है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई, जिसके बाद यह मंदिर करोड़ों भक्तों के लिए खोल दिया गया।

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