Ram Lalla Aarti Live Today : अयोध्या से सीधा प्रसारण: देखिए आज 27 दिसंबर को कैसे हुआ रामलला का अभिषेक और श्रृंगार, घर बैठे लें पूरी आरती का लाभ और प्रभु का आशीर्वाद
कड़ाके की ठंड और सुबह की ओस के बीच, राम जन्मभूमि मंदिर के कपाट जैसे ही खुले, पूरी अयोध्या जय श्री राम' के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी।
Ram Lalla Aarti Live Today : अयोध्या से सीधा प्रसारण: देखिए आज 27 दिसंबर को कैसे हुआ रामलला का अभिषेक और श्रृंगार, घर बैठे लें पूरी आरती का लाभ और प्रभु का आशीर्वाद
Ram Lalla Aarti Live Today : अयोध्या धाम | 27 दिसंबर 2025 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या आज सुबह भक्ति के सागर में डूबी नजर आई। कड़ाके की ठंड और सुबह की ओस के बीच, राम जन्मभूमि मंदिर के कपाट जैसे ही खुले, पूरी अयोध्या जय श्री राम' के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी। आज 27 दिसंबर की सुबह प्रभु रामलला का जो दिव्य स्वरूप देखने को मिला, उसने हर भक्त का हृदय प्रसन्न कर दिया।
Ram Lalla Aarti Live Today : रामलला की दिव्य मंगला आरती और सुबह का नजारा अयोध्या में आज सुबह की शुरुआत प्रभु रामलला की मंगला आरती के साथ हुई। ब्रह्म मुहूर्त (तड़के 4:00 से 4:30 बजे) में जब मंदिर के कपाट खुले, तो संपूर्ण परिसर शंख और घंटों की ध्वनि से गूंज उठा। आज की आरती विशेष थी क्योंकि कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रभु को विशेष ऊनी और रेशमी वस्त्र धारण कराए गए हैं। मंगला आरती के दौरान मुख्य पुजारी द्वारा भगवान को जगाया गया और उनकी पहली झलक पाने के लिए श्रद्धालु कतारों में जय श्री राम का उद्घोष करते नजर आए। आरती के बाद भगवान का दिव्य श्रृंगार किया गया, जिसमें उन्हें स्वर्ण आभूषणों और ताजे फूलों की मालाओं से सजाया गया।
Ram Lalla Aarti Live Today : दिन भर होने वाली अन्य आरती और पूजन का क्रम रामलला के दरबार में केवल सुबह ही नहीं, बल्कि पूरे दिन सेवा और पूजन का एक निर्धारित क्रम चलता है। मंगला आरती के बाद होने वाली प्रमुख आरतियाँ और प्रक्रियाएं इस प्रकार हैं:
श्रृंगार आरती (सुबह 6:30 - 7:00 बजे): मंगला आरती और प्रभु के स्नान के बाद उनका पूर्ण वैभव के साथ श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद 'श्रृंगार आरती' होती है। इस समय भगवान का रूप इतना मनमोहक होता है कि भक्त घंटों निहारते रह जाते हैं।
भोग आरती (दोपहर 12:00 बजे): दोपहर के समय प्रभु को राजसी भोग लगाया जाता है। इसमें पूरी, सब्जी, खीर, फल और विभिन्न प्रकार के मिष्ठान शामिल होते हैं। भोग लगाने के बाद 'भोग आरती' की जाती है, जिसके बाद प्रभु को कुछ देर विश्राम (शयन) कराया जाता है और मंदिर के पट बंद रहते हैं।
संध्या आरती (शाम 7:30 बजे): सूर्यास्त के बाद संध्या पूजन होता है। शाम की इस आरती में मंदिर की रोशनी और दीपों की जगमगाहट एक अलौकिक दृश्य पैदा करती है। इस समय बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक शामिल होते हैं।
शयन आरती (रात 8:30 - 9:00 बजे): यह दिन की अंतिम आरती होती है। इसमें प्रभु को विश्राम कराने की तैयारी की जाती है। लोरी और मधुर भजनों के बीच भगवान की नजर उतारी जाती है और उन्हें शयन कराया जाता है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
आज 27 दिसंबर होने के कारण साल के अंत की छुट्टियों की भीड़ अयोध्या में साफ देखी जा सकती है। राम पथ और भक्ति पथ पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। ट्रस्ट ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए गोल्फ कार्ट और व्हीलचेयर की विशेष व्यवस्था की है। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह गर्म पानी और अलाव का इंतजाम किया गया है ताकि ठंड में उन्हें परेशानी न हो। सरयू तट पर भी सुबह से ही स्नान और दान का सिलसिला जारी है।
अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का इतिहास सदियों के संघर्ष, अटूट आस्था और धैर्य की एक अद्वितीय गाथा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अयोध्या सप्त पुरियों में से एक है और इसे स्वयं भगवान विष्णु के चक्र पर बसाया गया माना जाता है। त्रेता युग में इसी पावन भूमि पर भगवान राम ने अवतार लिया था। मध्यकाल में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा मूल मंदिर को क्षति पहुँचाई गई, जिसके बाद लंबे समय तक यह मामला कानूनी प्रक्रियाओं और जन-आस्था के केंद्र में रहा। अंततः, दशकों तक चले न्यायसंगत संघर्ष के बाद, भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय से भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 'रामलला' की प्राण-प्रतिष्ठा हुई, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में एक नए आध्यात्मिक युग की शुरुआत की। आज का यह नवनिर्मित मंदिर अपनी नागर शैली की वास्तुकला, नक्काशीदार खंभों और भव्य गुंबदों के साथ भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुका है।
अयोध्या केवल राम मंदिर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ ऐसे कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपकी यात्रा को संपूर्ण बनाते हैं। राम मंदिर के दर्शन के बाद सबसे महत्वपूर्ण स्थान हनुमानगढ़ी है। कहा जाता है कि अयोध्या के राजा राम हैं और उनकी रक्षा के लिए हनुमान जी हमेशा यहाँ विराजमान रहते हैं, इसलिए भक्त सबसे पहले हनुमान जी की आज्ञा लेते हैं। इसके बाद आप कनक भवन जा सकते हैं, जो माता सीता और प्रभु राम का महल माना जाता है। यहाँ की मूर्तियों का श्रृंगार और मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। यदि आप शांत और आध्यात्मिक माहौल चाहते हैं, तो सरयू तट पर राम की पैड़ी और शाम की भव्य सरयू आरती में शामिल होना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
अयोध्या भ्रमण के दौरान आप दशरथ महल, मणि पर्वत और नागेश्वरनाथ मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। नागेश्वरनाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसे भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। हाल ही में विकसित किया गया लता मंगेशकर चौक अपनी विशाल वीणा के साथ पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसके अलावा, आप छपिया या गुलाब बाड़ी जैसे आसपास के स्थलों पर भी जा सकते हैं। अयोध्या की गलियों में मिलने वाला शुद्ध देसी घी का प्रसाद और यहाँ की सात्विक रसोई का स्वाद आपकी यात्रा में चार चाँद लगा देता है। आज की अयोध्या आधुनिक सुविधाओं और प्राचीन परंपराओं का एक सुंदर संगम है, जहाँ हर कदम पर आपको 'राम नाम' की दिव्यता महसूस होगी।