Hindu Navvarsh 2025: कब है हिन्दू नववर्ष? जानिए हिन्दू नववर्ष का महत्व, शुभ मुहूर्त, और पूजा की विधि समेत संपूर्ण जानकारी

Hindu Navvarsh 2025: हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2025) हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है. इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार, ब्रह्मा जी ने इस दिन सृष्टि की रचना की थी.

Update: 2025-03-26 10:12 GMT
Hindu Navvarsh 2025: कब है हिन्दू नववर्ष? जानिए हिन्दू नववर्ष का महत्व, शुभ मुहूर्त, और पूजा की विधि समेत संपूर्ण जानकारी
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Hindu Navvarsh 2025:  हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2025) हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है. इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार, ब्रह्मा जी ने इस दिन सृष्टि की रचना की थी. यही कारण है कि इसे हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही, चैत्र माह में नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष 2025 का आरंभ 30 मार्च को होगा. यह दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगा, जब हिंदू नववर्ष का आगाज होगा. इस दिन सूर्य देव और चंद्र देव दोनों मीन राशि में विराजमान रहेंगे. आइये जानते है हिन्दू नववर्ष का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत सारी जानकारी.साथ ही जानेंगे महाराष्ट्र में मनाने वाले गुड़ी पड़वा के बारे में......

हिंदू नववर्ष का धार्मिक महत्व(Hindu New Year Ka dharmik mahatv)

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने में कई पौराणिक और वैदिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जो इसे और भी विशेष बनाती हैं. आइए जानते हैं चैत्र माह के पौराणिक महत्व के बारे में

1. सृष्टि की रचना और ब्रह्मा जी का कार्य प्रारंभ

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year ) को लेकर नारद पुराण में वर्णन मिलता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से ही जगत निर्माण का कार्य शुरू किया था. यही कारण है कि इस दिन को विशेष रूप से नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. ब्रह्मा जी के द्वारा सृष्टि के आरंभ को लेकर यह दिन हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है.

2. भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) को लेकर मान्यता है कि चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि को रेवती नक्षत्र और विष्कुंभ योग में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में अवतार लिया था. यह भी एक पौराणिक मान्यता है, जो इस दिन की महिमा को और बढ़ाती है. इस दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार समुद्र मंथन के समय हुआ था, जब उन्होंने पृथ्वी के वेदों को पुनः सुरक्षित किया था.

3. राम का राज्याभिषेक

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) चैत्र माह विशेष रूप से त्रेता युग के महान आयोजन के लिए भी प्रसिद्ध है. इसी माह में अयोध्या के राजा श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था. भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था, और यह दिन उनके शौर्य, धर्म और निष्ठा का प्रतीक बना हुआ है. इस दिन को विशेष रूप से राम नवमी के रूप में मनाया जाता है.

4. विक्रम संवत का प्रारंभ

उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत का आरंभ भी चैत्र माहहिंदू नववर्ष (Hindu New Year) से ही किया था. विक्रमादित्य की महानता और उनके द्वारा स्थापित विक्रमी संवत का समय-समय पर सम्मान होता रहा है. विक्रमी संवत को भारतीय कैलेंडर के रूप में उपयोग में लाया जाता है, और यह चैत्र माह से शुरू होता है, जो भारतीय संस्कृति में समय की माप की एक महत्वपूर्ण कड़ी है.

हिन्दू नववर्ष का प्राकृतिक महत्व

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) भारतीय नववर्ष न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति और कृषि की समृद्धि को भी दर्शाता है, इसे  वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक मन जाता है. इस समय चारों ओर खुशियों और उमंग का माहौल होता है, और हरे-भरे और रंग-बिरंगे फूलों उठती है. यह समय किसानों के लिए खास होता है, क्योंकि इस समय से फसल पकने का शुरू हो जाता है,  साथ ही, इस समय नक्षत्रों की स्थिति भी शुभ होती है, जो किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए एक उत्तम मुहूर्त होता है.

हिंदू नववर्ष 2025 कब है 

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year)2025 का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को रहेगा, जो सुबह 7.46 मिनट से लेकर दोपहर 12.26 तक होगा. इस दौरान, विशेष रूप से भगवान गणेश, मां दुर्गा, भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और सूर्य देव की पूजा करें. यह समय शुभ माना जाता है, और इस समय में की गई पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. इस दिन को विधिपूर्वक मनाना आपके जीवन में नई शुरुआत की शुभकामनाएं लेकर आता है.

कौन सा ग्रह होगा राजा?

हिंदू नववर्ष हिंदू नववर्ष (Hindu New Year)2025 के राजा सूर्य होंगे. महत्वपूर्ण धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन से नववर्ष शुरू होता है, उस दिन के स्वामी को राजा माना जाता है. इसके अलावा, बता दें की इस वर्ष, हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 के रूप में मनाया जाएगा.

हिंदू नववर्ष के दिन क्या करें?

1. सुबह जल्दी उठें और स्नान करें

  • हिंदू नववर्ष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, ताकि दिन की शुद्धि हो सके.

2. सूर्य देव को जल अर्पित करें

  • हिंदू नववर्ष (Hindu New Year ) के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना अत्यधिक शुभ माना जाता है.

3. मंदिर की सफाई और दीपक जलाना

  • मंदिर की सफाई करके दीपक जलाना और पूजा करना हिंदू नववर्ष (Hindu New Year ) का एक प्रमुख कार्य है.

4. देवी-देवताओं की आरती करें

  • हिंदू नववर्ष (Hindu New Year )के दिन देवी-देवताओं की आरती करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना जरूरी होता है.

5. दान करें

  • हिंदू नववर्षहिंदू नववर्ष (Hindu New Year) के दिन गरीबों में अन्न, धन और अन्य चीजों का दान करना चाहिए. मान्यता है कि दान से जीवन में किसी भी चीज़ की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और पुण्य मिलता है.

क्या है विक्रम संवत

हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2025) हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मनाया जाता है, जिसे विक्रम संवत के रूप में जाना जाता है. इस दिन को विशेष रूप से इसलिए महत्व दिया जाता है क्योंकि यही वह दिन था जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. विक्रम संवत का नाम सम्राट विक्रमादित्य से जुड़ा हुआ है, जो एक न्यायप्रिय और महान शासक थे. विक्रमादित्य ने शकों के अत्याचार से कई राज्यों को मुक्त कराया और अपने शासन का पुनर्निर्माण किया. उनकी इस विजय के उपलक्ष्य में विक्रम संवत की शुरुआत की गई, जो उनके द्वारा स्थापित पंचांग पर आधारित है. यह संवत उस दिन का प्रतीक है जब सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को हराया और उज्जैन पर आक्रमण करके एक नए युग की शुरुआत की.

विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका आरंभ चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से होता है. यह संवत चंद्र आधारित होता है, जिससे यह हर साल हिंदू नववर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है. विक्रम संवत का कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे चलता है, क्योंकि इसका आरंभ 57 ईस्वी पूर्व हुआ था. इसमें 12 महीनों की गणना होती है: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, और फाल्गुन. विक्रम संवत न केवल भारत, बल्कि नेपाल में भी मान्यता प्राप्त है और यह हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण पंचांग है, जिसे धार्मिक आयोजनों, पर्वों और त्योहारों की तिथियों के निर्धारण में उपयोग किया जाता है.

मराठी नववर्ष की भी शुरुआत

हिंदू नववर्षहिंदू नववर्ष (Hindu New Year) का आरंभ चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से होता है और इसी दिन को मराठी नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है, जिसे गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है. गुड़ी पड़वा का मतलब होता है 'गुड़ी' (झंडा) और 'पड़वा' (चंद्र पखवाड़े का पहला दिन). यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को लेकर विभिन्न धार्मिक मान्यताएँ और पारंपरिक रिवाज हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा.

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