Chhath Ke Geet: इन गीतों के बिना अधूरा है छठ व्रत, इन्हें गाकर आप पूरा करें अपना व्रत, जानिए कौन कौन से गीत...

Chhath Ke Geet: छठ व्रत में साफ-सफाई के साथ छठ के नियमों का पालन जरूरी होता है, साथ ही छठ पूजा में गीतों का भी महत्व है,यहां कुछ गीत दिये जा रहे हैं जिसे आप गाकर अपना व्रत पूर्ण कर सकते हैं।

Update: 2023-11-18 02:49 GMT

Chhath Ke Geet:17 नवंबर से छठ व्रत की शुरुआत हो चुकी है। आज नहाय-खाय  खरना होगा, नहाय खाय कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और खरना (Chhath Kharna) पंचमी तिथि को। 19 नवंबर को सूर्य देव को शाम का अर्घ्य दिया जाएगा और 20 नवंबर को सूर्योदय के समय सुबह में उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा।छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से लोग मनाते हैं। इस पर्व में छठी मैया, सूर्य देव की पूजा के साथ हर्षोल्लास का वातावरण होता है।साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है. छठ घाट की छटा देखते ही बनती है.

छठ पर्व पर एक और चीज की बेहद धूम होती है और वो है छठ पूजा के गीत , इसके बिना तो जैसे छठ पूजा अधूरा हो. छठ के दिन हर गली-मोहल्ले में ये गीत सुनने को मिल जाते हैं। इन गीतों के बिना छठ पूजा का माहौल सूना सा लगता है।  शारदा सिन्हा के गाए छठ के गीत, उसके बोल दिल में बस जाते हैं, पढ़ते हैं कुछ ऐसे ही दिल को छू लेने वाले छठ पूजा के मशहूर गीत….

छठ पूजा के गीत

सोना सट कुनिया हो दीनानाथ- 

सोना सट कुनिया हो दीनानाथ

हे घूमइछा संसार

हे घूमइछा संसार

सोना सट कुनिया हो दीनानाथ

हे घूमइछा संसार

हे घूमइछा संसार

आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ

आहे भोर भिनसार

आहे भोर भिनसार

आजू के दिनवा हो दीनानाथ

हे लागल एती बेर

हे लागल एती बेर

बाट में भेटिए गेल गे अबला

एकटा अन्हरा पुरुष

एकटा अन्हरा पुरुष

अंखिया दिएइते गे अबला

हे लागल एती बेर

हे लागल एती बेर

बाट में भेटिए गेल गे अबला

एकटा बाझिनिया

एकटा बाझिनिया

बालक दिएइते गे अबला

हे लागल एती बेर

हे लागल एती बेर.

केलवा के पात पर-

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके

ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके

ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके

हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी

हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी

ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हमरो जे बेटवा कवन ऐसन बेटवा से उनके लागी

हमरो जे बेटवा कवन ऐसन बेटवा से उनके लागी

हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी

हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी.

छठी मैया आई न दुआरिया 

छठी मैया आई न दुआरिया

सजाईब पोखरी खनाईब हे

छठी मैया आई न दुआरिया

सजाईब पोखरी खनाईब हे

छठी मैया आई न दुआरिया

सजाईब पोखरी खनाईब हे


बांझी केवड़वा धईले ठाढ़ -

आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,

रूपे छन लागल केवाड़

आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,

रूपे छन लागल केवाड़

ताही ऊपर चढ़ि सूतले हो दीनानाथ,

बांझी केवड़वा धईले ठाढ़

ताही ऊपर चढ़ि सूतले हो दीनानाथ,

बांझी केवड़वा धईले ठाढ़

चदर उघाड़ि जब देखले हो दीनानाथ

कोन संकट पड़ल तोहार,

चदर उघाड़ि जब देखले हो दीनानाथ

कौना संकट पड़ल तोहार

पुत्र संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ

ओहि ले केवड़वा धईले ठाढ़

पुत्र संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ

ओहि ले केवड़वा धईले ठाढ़ 

पहिले पहिल, छठी मईया- 

पहिले पहिल हम कईनी

छठी मईया व्रत तोहार.

करिहा क्षमा छठी मईया

भूल-चूक गलती हमार.

सब के बलकवा के दिहा

छठी मईया ममता-दुलार

पिया के सनईहा बनईहा

मईया दिहा सुख-सार.

नारियल-केरवा घोउदवा

साजल नदिया किनार

सुनिहा अरज छठी मईया

बढ़े कुल-परिवार

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