Ashadh Amavasya : आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को, जानें स्नान-दान मुहूर्त, पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध समय

आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह में पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद दान करते हैं. आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पाप मिटते हैं.

Update: 2024-06-25 06:34 GMT

Ashadh Amavasya on 5th July : आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या ति​थि को आषाढ़ अमावस्या होती है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 5 जुलाई दिन शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 57 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या ति​थि शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन 6 जुलाई शनिवार को प्रात: 04 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ अमावस्या का पावन पर्व 5 जुलाई शुक्रवार को होगा.

उस दिन सुबह में पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद दान करते हैं. आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पाप मिटते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर पितृ लोक से पृथ्वी पर आते हैं और उम्मीद करते हैं कि अपने वंश से उनको तृप्त किया जाएगा.

इस वजह से अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं. आषाढ़ अमावस्या पर स्नान-दान मुहूर्त, पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध समय क्या है?


आषाढ़ अमावस्या 2024 स्नान मुहूर्त

5 जुलाई को आषाढ़ अमावस्या के दिन आपके लिए स्नान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त का स्नान सबसे उत्तम माना जाता है. आषाढ़ अमावस्या के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:08 ए एम से 04:48 ए एम तक है. हालांकि सूर्योदय से तिथि की गणना होती है तो आप उस दिन सूर्योदय 05:29 ए एम के बाद से स्नान कर सकते हैं.

चर-सामान्य मुहूर्त 05:29 ए एम से 07:13 ए एम तक है, वहीं लाभ-उन्नति मुहूर्त 07:13 ए एम से 08:57 ए एम तक है. उस दिन का अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 08:57 ए एम से 10:41 ए एम तक है. आषाढ़ अमावस्या के दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त 11:58 ए एम से दोपहर 12:54 पी एम तक है.

आषाढ़ अमावस्या 2024 दान मुहूर्त

आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान के बाद ही दान करें. उस दिन आप किसी गरीब ब्राह्मण को अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, फल आदि का दान कर सकते हैं.


आषाढ़ अमावस्या 2024 तर्पण और श्राद्ध का समय



जो आषाढ़ अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करना चाहते हैं, वे सुबह में स्नान कर लें, उसके बाद ही पितरों के लिए जल से तर्पण दें. कुश, काले तिल, सफेद फूल और जल से पितरों के लिए तर्पण देना चाहिए. यदि आप अपने पितरों को खुश करने के लिए उनका श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं तो आषाढ़ अमावस्या के दिन 11:00 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के बीच कर सकते हैं.

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