NPG स्पेशल-कोरोना के खिलाफ जंग के लिए राज्य सरकार की फास्ट तैयारी, रायपुर और जगदलपुर में टेस्टिंग लैब, बिलासपुर, रायगढ़, सरगुजा में लैब बनाने का प्रयास, आंबेडकर अस्पताल को बनाया जा रहा कोरोना अस्पताल, सरगुजा में 17 दिन के भीतर कोरोना अस्पताल तैयार

Update: 2020-04-15 13:12 GMT

याज्ञवल्क्य मिश्रा@NPG.NEWS
रायपुर, 15 अप्रैल 2020। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडॉउन के बाद भी संसाधनों को तैयार करने की दिशा में राज्य सरकार ने ऐसे काम किए हैं कि उसे करिश्मा कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। सरकार ने रायपुर मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल में परिवर्तित कर दिया वहीं भूपेश सरकार ने 17 दिनों में सरगुजा मेडिकल कॉलेज को कोविड संक्रमित मरीज़ों के लिए विशेष तौर पर तैयार कर दिया है। इसके लिए सीएम भूपेश बघेल ने 25 लाख रुपए फौरन स्वीकृत कर दिया।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान होने के पहले से ही कोरोना की रोकथाम के लिए संसाधनों को तैयार करने का आदेश दे दिया था। इसके लिए मंत्रालय से लेकर सीएम हाउस तक उन्होंने अधिकारियों की कई बैठकें की। यही वजह है कि लॉकडाउन में भी संसाधानों को तैयार करने का काम जारी रहा। सीएम के निर्देश पर बस्तर से लेकर सरगुजा तक मौजूद हर मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह अपडेट करने की क़वायद जारी है। सीएम के करीबी अधिकारियों का कहना है कि जहां कोरोना का असर नहीं है, मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उन इलाकों में भी एहतियात के तौर पर कोरोना से निबटने की तैयारी रहे। यही वजह है कि सरगुजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना के लिए विशेष वार्ड और आईसीयू बनाने के लिए 25 लाख रुपए देने में देर नहीं लगाई। और, रिकॉर्ड सत्रह दिन के भीतर सरगुजा मेडिकल कॉलेज में विशेष वार्ड और विशेष आईसीयू तैयार हो गया।

कलेक्टर सरगुजा सारांश मित्तर ने एनपीजी से कहा… कोविड 19 के मरीज़ों के लिए सौ बिस्तरों का वार्ड और बीस बिस्तरों का आईसीयू वार्ड तैयार हो गया है। अभी तक सरगु्जा में कोई मरीज़ नहीं मिला है….लेकिन एक भी मरीज़ यदि मिला तो उसके इलाज की पूरी व्यवस्था यहाँ मौजूद है।’

भूपेश सरकार कोविड-19 के टेस्ट को लेकर भी कवायद में जूटा है। कोशिशें की जा रही हैं कि टेस्ट के सेंटर बढ़ाए जा सकें। एम्स के बाद रायपुर मेडिकल कॉलेज को टेस्ट की अनुमति मिल गई है, सरकार की कोशिश है कि टेस्ट के ये सेंटर और बढ़ाए जा सकें। इसकी क़वायद भी जारी है। कोविड19 के टेस्ट को लेकर जो सावधानी बरती जानी है, सरकार उसके लिए भी बेहद सतर्क है। जबकि, कोविड 19 शुरु हुआ तो पूरे देश में केवल पुणे में इसकी जाँच होती थी। अब क़रीब दो सौ सेंटर पूरे भारत में हैं।


स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका सिंह बारिक ने एनपीजी से कहा… “कोरोना की टेस्टिंग केवल उस लैब में हो सकती है, जो बीएसएल 2 या उससे बेहतर श्रेणी का हो…कई अत्याधुनिक मशीनों जैसे आर टी पीसीआर मशीन, बायो सेफ़्टी केबिनेट…एयर फ्लो केबिनेट, ड्राई बाथ इनक्यूबेटर…और माइनस 80 और माइनस बीस डिग्री सेंटीग्रेड के रेफ्रिजरेटर लगते हैं…इसके साथ साथ यह भी है कि जब परीक्षण हो तो पीपीई किट पहनना होता है…तो लैब की गुणवत्ता के लिए यह मशीनें छत्तीसगढ़ में लाए जाने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है।”

अफसरों का कहना है, ”बेहद ख़तरनाक इस वायरस के टेस्ट में केवल मशीनें ही नहीं कुछ और भी अनिवार्य हैं, और वो यह है कि, सैंपल जाँच में लगे लोग तब तक घर नहीं जा सकते जब तक कि जाँच पूरी ना हो जाए। जाँच के बाद वे चौदह दिनों के क्वारनटाईन में उन्हें जाना होता है, जिसके बाद वे घर जाते हैं।”

राज्य सरकार की यह क़वायद है कि वो बिलासपुर, सरगुजा और रायगढ़ के लैब को भी कोविड टेस्ट के लिए तैयार कर ले। मौजूदा स्थिति में रायपुर मेडिकल कॉलेज और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के लैब को इस टेस्ट के लिए आईसीएमआर और एम्स ने मान्यता दी है। बिलासपुर में प्रायवेट आरबी लैब को सरकार अधिग्रहित करने जा रही है। इसके लिए हेल्थ सिकरेट्री निहारिका बारिक ने आदेश जारी कर दिया है।

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार का ये दृढ़संकल्पता का ही परिणाम है कि टेस्टिंग लैब कम होने के बाद भी छत्तीसगढ सरकार ने समीपवर्ती राज्यों के मुक़ाबले बेहतर रिकॉर्ड रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक 4377 टेस्ट किए जा चुके हैं, जिसमें से 3969 के परिणाम निगेटिव आए हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना के खिलाफ सबसे अहम काम ये किया है कि रायपुर मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल में बदलने का ऐलान कर दिया है। रायपुर मेडिकल कालेज के 700 बेड में से 500 बेड को कोरोना के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के कई विभागों को दूसरी जगहों पर शिफ्थ किया गया है। स्त्री रोग विभाग को पंडरी जिला अस्पताल, शिशु रोग विभाग को शंकर नगर के प्रायवेट एकता अस्पताल और बाकी विभागों को डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भेजा जा रहा है। जाहिर है, सरकार का ये बड़ा और फास्ट फैसला है।

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