बालको मेडिकल सेंटर नया रायपुर के विशेषज्ञ ने विश्व महिला दिवस पर बताया- एक वैक्सीन जो कैंसर से बचाती है

Update: 2020-03-07 15:47 GMT

रायपुर 7 मार्च 2020. सामान्यत किसी वैक्सीन या टीके का नाम सुनने पर हमें पोलियो, टीबी या चिकन पॉक्स जैसी बीमारियों से बचाव का ध्यान आता है, क्या हो जब आपज़ कहा जाए कि एक टीका ऐसा भी होता है जो महिलाओ को सर्विक्स (बच्चेदानी के मुंह)के कैंसर से बचा सकता है, आइये इस विश्व महिला दिवस में जाने इस बारे में बच्चेदानी के मुँह (सर्वाइकल) कैंसर ,महिलाओ को होने वाला प्रमुख कैंसर है, और भारत मे हर साल लगभग 12 लाख महिलाएं इससे पीड़ित होती है, जिनमे से करीब 70 हजार हर साल इससे अपनी जान गवा बैठती है. भारत मे सर्वाइकल कैंसर से मरने की संख्या विश्व मे सबसे ज्यादा है.
सर्वाइकल कैंसर का कारण क्या है-

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) लगभग हर सर्वाइकल में अपना योगदान देता है. एचपीवी एक वायरसो का समूह है, जो सामान्यतयः शरीर मे वार्ट या मस्सो का प्रमुख कारण है, इसमे से एचपीवी टाइप 16 और 18 करीब 70% सर्वाइकल कैंसर का कारण माने गए है, जिसे आप वैक्सीन से रोक सकते है. सर्वाइकल कैंसर के अन्य कारणों में कम उम्र में शादी, एक से अधिक लोगो से शारीरिक संबंध, ज्यादा बार गर्भवती होना, साफ सफाई का अभाव, कुपोषण भी शामिल है.

कोई भी वैक्सीन तभी ज्यादा कारगर होती है जब वो इंफेवशन होने से पहले लगाई जाए, इसीलिए इस एचपीवी वैक्सीन को 9-14 वर्ष तक कि बच्चियों में लगवाना सबसे असरदार माना जाता है, पर ये आप 9 से 26 साल तक कि उम्र तक लगवा सकते है . ये वैक्सीन न केवल सर्वाइकल कैंसर को रोकने में सहायक है, बल्कि स्तन कैंसर और मुह के कैंसर रोकने के लिए भी लाभकारी पायी गई है. 9 से 14 साल के बच्चों को 2 खुराक और उससे ज्यादा उम्र वालो को 3 खुराक कि जरूरत होती है. आप इसे लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से पूछ सकते है.

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सही जानकारी और सही समय मे वैक्सीन लगवाना दोनो सहायक होते है .इसके अलावा 40 साल के बाद (चाहे आपको टीका लगा हो या न लगा हो) , सरवाइकल कैंसर की प्राथमिक जांच हर महिला को हर साल में एक बार जरूर करवानी चाहिए, जिसके लिए आप अपने नजदीकी अस्पताल में पता कर सकती है. आइये इस विश्व महिला दिवस में हम भारत को इस खतरनाक कैंसर से मुक्त करने की शपथ ले.
स्वस्थ रहे, मस्त रहे

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