महंगे प्याज से त्रस्त ग्राहकों को राहत की उम्मीद… अब प्याज बिकेगा 22 रूपए किलो, सड़ने से बचाने केंद्र सरकार ने अपनाया ये तरिका…

Update: 2020-01-30 13:59 GMT

नईदिल्ली 30 जनवरी 2020। अभी कुछ ही दिनों पहले प्याज की कीमतें 150 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गई थीं। जिसके चलते देश में प्याज की कमी के चलते विदेशों से आयात करना पड़ा। अब उसी प्याज के बंदरगाह पर पड़े-पड़े सड़ने की नौबत आ गई है। केंद्र सरकार अब आयातित प्याज को काफी सस्ती दर पर यानी 22-23 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर सकती है। यह प्याज के मौजूदा बाजार भाव की तुलना में करीब 60 प्रतिशत कम है।

सरकार ने प्याज की महंगाई को थामने के लिए नवंबर, 2019 में अपने स्वामित्व वाली कंपनी एमएमटीसी के माध्यम से 1.2 लाख टन प्याज के आयात का फैसला लिया था। तब से एमएमटीसी विदेशी बाजार से 14 हजार टन प्याज खरीद सकी है।

खबर के मुताबिक, इसमें से बड़ी मात्रा में आयातित प्याज विशेषकर महाराष्ट्र के बंदरगाहों पर पड़ी हुई है। समस्या यह है कि नई फसल आने से कीमतें घटने के बाद ज्यादातर राज्य इसे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि कई राज्यों ने आयातित प्याज के लिए दिए गए ऑर्डर वापस ले लिए हैं, क्योंकि घरेलू प्याज की तुलना में स्वाद में अंतर के कारण वे इसका खुदरा वितरण नहीं कर सकते।

आयातित प्याज के लेने वाले नहीं होने से एमएमटीसी ने 40 हजार टन के लिए ऑर्डर देने के बाद आखिरकार महज 14 हजार टन प्याज ही खरीदी। सूत्रों ने कहा कि बड़ी मात्रा में प्याज अभी भी बंदरगाहों पर पड़ी है।

नाफेड और मदर डेयरी जैसी एजेंसियों के अलावा इच्छुक राज्य सरकारें भी मंडियों में वितरण के लिए 22-23 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीद सकती हैं। सरकार कीमतों को थामने के लिए प्याज के आयात को मजबूर हो गई थी, जो पिछले कुछ महीनों में 160 रुपये प्रति किलो के स्तर से घटकर 60 रुपये पर आ गई है।

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