Shriram Mandir Ayodhya: छत्तीसगढ़ से अयोध्या जाने वाली ट्रेन में चार महीने की वेटिंग, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
Shriram Mandir Ayodhya: छत्तीसगढ़ से सीधी अयोध्या तक के लिए एक ही वीकली ट्रेन है। इस ट्रेन में इस तारीख के लिए जाने वाली ट्रेन अभी से सारे टिकट बुक हैं और वेटिंग मिल रही है।
Shriram Mandir Ayodhya: रायपुर। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इस मौके पर देश के 4000 संत महात्मा एवं समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव शामिल होंगे। इनके अलावा देशभर से लाखों की संख्या में भक्त इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ से सीधी अयोध्या तक के लिए एक ही वीकली ट्रेन है। इस ट्रेन में इस तारीख के लिए जाने वाली ट्रेन अभी से सारे टिकट बुक हैं और वेटिंग मिल रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग से नवतनवा जाने वाली ट्रेन नंबर 18205 सीधे अयोध्या जंक्शन तक जाती है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। लिहाजा इससे पहले प्रत्येक गुरुवार को जाने वाली ये ट्रेन 18 जनवरी को यहां से रवाना होगी। लेकिन इस दिन के लिए ट्रेन की टिकट अभी से वेटिंग में है। स्लीपर क्लास में भी भक्तों को वेटिंग में टिकट मिल रही है। ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से भक्तों में निराशा है। लेकिन वे यहां से प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ तक की ट्रेन लेकर अयोध्या जाने का प्लान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे मुख्य यजमान
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। प्राण प्रतिष्ठा कार्य़क्रम में मुख्य यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, राम जन्मभूमि ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और उडीपी के शंकराचार्य ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें इसका निमंत्रण दिया। पीएम मोदी ने इसे स्वीकार करते हुए ट्वीट किया। साथ ही एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ''जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है.'' मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में, मैं इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय होने पर खुशी जाहिर करते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि जासु बिरहॅं सोचहु दिन राती रटहु निरंतर गुन गन पॉंती।। रघुकुल तिलक सुजन सुखदाता। आयउ कुसल देव मुनि त्राता।। सनातन आस्था के अवलंब प्रभु श्री राम की प्राणप्रिय नगरी श्री अयोध्या धाम में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के फलस्वरूप श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का उल्लास, आह्लाद, गौरव एवं आत्मसंतोष का चिरप्रतीक्षित आयोजन आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से कोटि-कोटि रामभक्तों की भावनाओं का प्रतिबिंब बनेगा।
गैर राजनीतिक होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 4000 पूजनीय संत और 2500 गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे। ट्रस्ट ने समारोह के लिए 136 सनातन परंपराओं के 25,000 से अधिक हिंदू धार्मिक नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बनाई है। चंपत राय के मुताबिक मुख्य कार्यक्रम गैर राजनीतिक रहेगी। कार्यक्रम में कोई मंच नहीं होगा, न ही कोई सार्वजनिक मीटिंग होगी।
हर भक्त को दर्शन के लिए 20 से 30 सेकंड का समय मिलेगा
रामलला के मंदिर की छत का काम भी लगभग 90 प्रतिशत पूरी किया जा चुका है। अभी भूतल के खंभों पर देव विग्रहों के उकेरने सहित फर्श का निर्माण कार्य चल रहा है। कुल मिलाकर मंदिर को फाइनल टच दिया जा रहा है। मंदिर बनने के बाद लगभग डेढ़ लाख भक्त हर दिन भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे। हर भक्त को गर्भग्रह में भगवान के दर्शन करने के लिए 20 से 30 सेकंड का समय मिलेगा।
देशभर में मनेगा उत्सव
रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने का महोत्सव पूरे देश में मनाया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट राम भक्तों से अपील कर देश के हर मठ मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन के लिए कहेगा। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संध प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम की मूर्ति स्थापित की जाएगा। लोगों से इस अवसर पर जश्न मनाने के लिए देश भर के मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार को नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ का जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने फैसला सुनाया था कि विवादित भूमि की 2.77 एकड़ जमीन जहां 16वीं सदी की ध्वस्त बाबरी मस्जिद थी, वह केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी और फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी। फिर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने ही 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन किया था।
पहले 24 जनवरी को होनी थी प्राण प्रतिष्ठा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहले 24 जनवरी की तारीख प्राण- प्रतिष्ठा के लिए चुनी थी। इस बीच मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने काशी और अन्य मठों-मंदिरों के विद्वान-आचार्यों से संपर्क कर सबसे शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी हासिल की। स्वामी गिरी धार्मिक अनुष्ठान आदि कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए बनी हाई पावर कमिटी के अध्यक्ष भी हैं। दरअसल, प्रभु श्रीराम का जन्म अभिजीत योग में हुआ था। अन्य तिथियों में यह योग क्षणिक समय के लिए बन रहा था जबकि 22 जनवरी को यह अभिजीत योग लंबे समय तक का है। जिसके बाद ये तय हुआ कि ये तिथि ही सबसे उपयुक्त रहेगी।