Rajysabha Chunav: CG के इतिहास में राज्‍यसभा के लिए केवल एक बार हुआ है मतदान: पढ़ें- 2018 के चुनाव की पूरी सियासी कहानी, बहुमत के बावजूद बीजेपी की बढ़ गई थी चिंता

Rajysabha Chunav: देश के 15 राज्‍यों में राज्‍यसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। कुल 56 सदस्‍यों का चुनाव होना है। इनमें छत्‍तीसगढ़ की भी एक सीट शामिल है। नामांकन जमा जमा करने की मियाद कल यानी 15 फरवरी को खत्‍म हो रही है।

Update: 2024-02-14 13:00 GMT

NPG Story

Rajysabha Chunav: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ से राज्‍यसभा की एक सीट के लिए भाजपा से प्रत्‍याशी बनाए गए राजा देवेंद्र प्रताप सिंह ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है। यह सीट भाजपा की राज्‍यसभा सदस्‍य सरोज पांडेय का कार्यकाल खत्‍म होने की वजह से खाली हुई है। कांग्रेस की तरफ से अब तक राज्‍यसभा चुनाव लड़ने या प्रत्‍याशी खड़ा करने को लेकर कोई संकते नहीं मिला है। ऐसे में राजा देवेंद्र प्रताप सिंह का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। लेकिन यह सीट जिस सरोज पाड़ेय का कार्यकाल खत्‍म होने की वजह से खाली हो रही है, उनका (सरोज पांडेय) के चुनाव प्रदेश के इतिहास में दर्ज हो चुका है।

प्रदेश की 5 में से राज्‍यसभा की एक सीट के लिए इससे पहले 2018 में चुनाव हुआ था। तब भाजपा सत्‍ता में थी। पार्टी के कुल 49 विधायक थे। कांग्रेस के 39, बसपा का एक और एक निर्दलीय विधायक थे। विधायकों की संख्‍या के लिहजा से यह सीट भाजपा के खाते में जानी थी, लेकिन एन वक्‍त पर कांग्रेस ने प्रत्‍याशी खड़ा करने की घोषणा कर दी। साथ ही कांग्रेस ने संसदीय सचिवों को अयोग्‍य घोषित कराने की भी मुहिम चला दी।

बहरहला, भाजपा की तरफ से सरोज पांडेय ने नामांकन दाखिल किया। वहीं, कांग्रेस ने लेखराम साहू को उनके सामने लाकर खड़ा कर दिया। साहू ने भी नामांकन दाखिल किया। वर्ष 2000 में छत्‍तीसगढ़ राज्‍य निर्माण के बाद यह पहला मौका था जब राज्‍यसभा चुनाव के लिए मतदान की स्थिति बन रही थी। संख्‍या बल भाजपा के पक्ष में था, बावजूद इसके पार्टी के नेताओं की धड़कने तेज थीं। क्रास वोटिंग के खतरे को देखते हुए मतदान के लिए सभी भाजपा विधायकों को सुबह सीएम हाउस बुलाया गया और वहां से सभी एक साथ मतदान करने विधानसभा भवन पहुंचें। निर्धारित तिथि पर मतदान हुआ। राज्‍य के 90 में से 87 विधायक मतदान में शामिल हुए। इसमें सरोज पांडेय के पक्ष में 51 वोट और कांग्रेस प्रत्‍याशी साहू के पक्ष में 36 मत पड़े। बसपा के केशव चंद्रा और निर्दलीय डॉ. विमल चोपड़ा ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया। वहीं, कांग्रेस के तीन विधायक अमित जोगी, सियाराम कौशिक और आरके राय मतदान में शामिल नहीं हुए।

इस तरह 2018 के राज्‍यसभा चुनाव ने राज्‍य में एक नया इतिहास लिखा और इसके साथ ही सरोज पांडेय के नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया। वे मतदान के जरिये छत्‍तीसगढ़ से राज्‍यसभा पहुंचने वाली पहली राज्‍यसभा सदस्‍य बनीं। भाजपा की राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष सरोज पांडेय सियासत के मैदान में लंबे समय से सक्रिय हैं। राजनीति में पहले भी रिकार्ड बना चुकी हैं। सरोज पांडेय का नाम लिम्‍का बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में दर्ज है। सरोज पांडेय एक ही समय में महापौर, विधायक और सांसद रह चुकी हैं। सरोज पांडेय 2005 में लगातार दूसरी बार दुर्ग की मेयर चुनी गई थीं। अभी मेयर के रुप में उनका कार्यकाल बचा हुआ था तभी 2008 में भाजपा ने उन्‍हें वैशाली नगर विधानसभा सीट से मैदान में उतार दिया। सरोज पांडेय विधानसभा चुनाव भी जीत गईं। सरोज पांडेय मेयर और विधायक की कुर्सी एक साथ संभाल रही थीं। इस बीच 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्‍हें दुर्ग संसदीय सीट से टिकट दे दिया। सरोज पांडेय यह चुनाव भी जीत गईं।

पढ़‍िए राज्‍यसभा की सीटों का गणित: कैसे तय होता है कितनी सीट किसे मिलेगी, कौन करता है मतदान

रायपुर। विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही छत्‍तीसगढ़ में राज्‍यसभा की सीटों का भी समीकरण बदल गया है। प्रदेश में राज्‍यसभा की कुल 5 सीटे हैं। फिलहाल इसमें से 4 सीट कांग्रेस के पास है, जबकि एक सीट भाजपा के पास है। भाजपा की इस सीट से राज्‍यसभा की सदस्‍य सरोज पांडेय का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस सीट के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। विधानसभा विधायकों की संख्‍या के लिहाज से यह सीट भाजपा के पास ही रहेगी। राज्‍यसभा की सीटों और चुनाव को लेकर पढ़‍िए एनपीजी की यह रिपोर्ट

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