हड़ताल खत्म: सहायक शिक्षकों की हड़ताल खत्म...मनीष मिश्रा ने की हड़ताल खत्म होने की घोषणा...सोमवार से फिर स्कूल पहुंचेंगे सहायक शिक्षक
रायपुर। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक/ समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले 6 फरवरी से जारी सहायक शिक्षकों की हड़ताल आज समाप्त हो गई है संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने राजधानी रायपुर में इसकी घोषणा की है, अब इसके बाद सहायक शिक्षक सोमवार से स्कूलों में अपनी सेवाएं देंगे। हड़ताल समाप्ति की घोषणा होते ही बहुत से सहायक शिक्षक नाराज भी दिखाई दिए । हालांकि जिलावार क्रमिक हड़ताल जारी रखने की भी बात मनीष मिश्रा ने की है जिसके तहत सभी जिलों को एक सीरियल प्रदान किया जाएगा और उसके तहत जिस जिले का नंबर होगा वहां के सहायक शिक्षक उस दिन अपने जिले में हड़ताल करेंगे , इस प्रकार 1 दिन में एक जिला हड़ताल करेगा और बाकी जिले के सहायक शिक्षक स्कूलों में सेवाएं देंगे । VIDEO-सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन खत्म: धरना स्थल से 500 मीटर में ही रोक लिया गया, ज्ञापन देने के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन...
नए धरना स्थल ने बढ़ाई सहायक शिक्षकों की समस्या
गौरतलब है कि शासन के द्वारा हड़ताल के लिए अब बूढ़ा तालाब की जगह नया रायपुर स्थित तूता को नया स्थान घोषित किया गया है , इस जगह पहुंचने में भी सहायक शिक्षकों को खास दिक्कत पेश आई है बहुत से शिक्षकों को यह जगह मिल ही नहीं पा रही थी और उन्होंने मीडिया को बताया कि शासन ने एक ऐसे जगह को धरना स्थल के तौर पर चुना है जो हर लिहाज से केवल और केवल हड़ताली कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बनेगा और आज हमें भी यहां पहुंचने में अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है । VIDEO-सहायक शिक्षकों का सीएम हाउस घेराव, पुलिस ने बीच मे ही रोका...पांचों संभाग के शिक्षक हुए प्रदर्शन में शामिल
Chhattisgarh News-सरकारी खजाने में डाका: स्कूल को 7 लाख की जगह 72 लाख किया भुगतान, 3 साल बाद भंडाफोड़ मगर दोषियों के खिलाफ FIR नहीं..
रायपुर 11 फरवरी। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में किस तरह से सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है, इसे प्रायवेट स्कूल को किये गए 72 लाख के भुगतान से समझा जा सकता है। जिले के डीईओ आफिस के बाबू ने मयूरा कान्वेंट को 72 लाख का भुगतान गुपचुप तरीके से कर दिया। इतने बड़े घोटाले का मामला जब मीडिया में तूल पकड़ा तो डीईओ ने स्कूल संचालक से 37 लाख रुपए जमा करवाए। मगर बाकी राशि अभी भी फंसी हुई है। इस मामले शिक्षा विभाग के बाबू को सस्पेंड कर डीईओ ने पल्ला झाड़ लिया। इसके अलावा दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर ऑपरेटर को नौकरी से हटा दिया गया। बड़ी बात ये हैं कि इतने बड़े घोटाले को अंजाम देने वाले बाबू और ऑपरेटर के खिलाफ अब तक के न ही एफआईआर दर्ज हुई है और न ही निजी स्कूल के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई। उल्टा उसे रकम लौटाने के लिए मोहलत दे दी गई है।
बता दें, बलौदा ब्लॉक के मयूरा कान्वेंट निजी स्कूल को शिक्षा के अधिकार के तहत मिलने वाली अनुदान राशि 7 लाख की जगह 72 लाख रुपए भुगतान कर दिया। यह फर्जीवाड़ा तीन साल पहले किया गया था। मामले की पड़ताल की गई तो डीईओ एचआर सोम ने क्लर्क शिवानंद राठौर को सस्पेंड किया।