CM Vishnudeo Sai: सीएम की घेरेबंदी! इन दो प्रकरणों से समझिए...क्या सीएम विष्णुदेव साय की हो रही घेरने की कोशिशें?
CM Vishnudeo Sai: बीजेपी के कई नेताओं की दावेदारी के बाद भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। सरकार गठन के महीना भर के भीतर सोशल मीडिया के माध्यम से उन पर प्रेशर बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
CM Vishnudeo Sai: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के लिए कई नाम उछलने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय पर दाव लगाते हुए 10 दिसंबर को उनके नाम पर मुहर लगा दिया। विष्णुदेव ने 13 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ भी ले ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। मुख्यमंत्री के शपथ के बाद 21 दिसंबर को मंत्रियों का शपथ हुआ और उसके बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा। सरकार गठन के बाद विष्णुदेव सरकार ने 3 जनवरी की रात सबसे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 89 अधिकारियों को बदल दिया। राज्य बनने के बाद यह सबसे बड़ा प्रशासनिक बदलाव रहा।
प्रशासनिक बदलाव के बाद ये बातें तेजी से फैलाई जा रही कि अफसरों के ट्रांसफर से संगठन नाराज है और प्रधानमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत की गई है। अलबत्ता, छत्तीसगढ़ में तो कुछ भी नहीं हुआ, मध्यप्रदेश में पुलिस और प्रशासन में बड़ी उठापटक कर रही मोहन यादव सरकार। प्रशासन और पुलिस के डीजी लेवल के कई दिग्गजों को वहां सरकार ने बेरहमी से किनारे लगा दिया। सियासी प्रेक्षकों को कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत भी वास्तविकता से परे है। संगठन न अभी शिकायत करने की स्थिति में है और न नाराज होने का कोई आधार है। रही बात संगठन में पकड़ और प्रभाव की तो विष्णुदेव की पार्टी में अच्छी पैठ है। वे खुद दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। फिर...मंत्रियो के पसंद से कभी सचिव भी नियुक्त नहीं किए जाते। केंद्र में तो राजनाथ सिंह जैसे केंद्रीय मंत्री अपने पसंद का पीएस भी नहीं रख सके। वे जिस आईएएस को पीएस बनाना चाहते थे, डीओपीटी ने इंकार कर दिया। ये जरूर होता है कि सचिव से अगर मंत्री की पटरी नहीं बैठ रही या फिर सचिव का कामकाज अच्छा नहीं है, तो उसे अवश्य बदल दिया जाता है। वो भी तब जब मंत्री मुख्यमंत्री को आधार बताते हुए उन्हें सहमत कर लें।
दूसरी बात, मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही सोशल मीडिया में तेजी से यह खबर वायरल होने लगी कि विष्णुदेव साय रायपुर के मुख्यमंत्री बंगले में नहीं रहेंगे। वे पहुना से सीधे नया रायपुर स्थित नवनिर्मित सीएम हाउस में रहेंगे। जबकि, अधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई चर्चा ही नहीं हुई थी। और न ही सीएम अभी नया रायपुर जा रहे। वे रायपुर के उसी बंगले में फिलहाल रहेंगे, जिसमें अजीत जोगी, रमन सिंह और भूपेश बघेल रहते थे। बीजेपी से जुड़े लोग भी स्वीकार कर रहे कि सोशल मीडिया में जो फिलहाल नहीं होने वाला है, ऐसी चीजें जानबूझकर फैलाई जा रही। जबकि, कैबिनेट पूर्ण हुए अभी 10 दिन भी नहीं हुआ है। पूर्ण कैबिनेट की मात्र एक बैठक हुई है। दरअसल, राजधानी का एक बड़ा माफिया वर्ग है, जो इस सरकार में कंफर्ट महसूस नहीं कर रहा है। राजधानी रायपुर में भांति भांति का माफिया वर्ग है, जिसकी कोशिश होती है किसी न किसी रूप में सरकार के भीतर उसकी पैठ हो। ताकि, उसके काम धाम चलता रहे। और इस सरकार में ऐसी कोई संभावनाएं दिख नहीं।