CG में 45 जिले: नए जिलों के गठन के बाद अब राजनीतिक दलों में संगठन विस्तार, कांग्रेस में 45 तो भाजपा में अब होंगे...

सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में पांच नए जिलों का उद्घाटन किया। इस तरह अब छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 33 हो गई है।

Update: 2022-09-15 08:55 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए जिले बनने के बाद अब राजनीतिक दलों ने भी संगठन विस्तार की तैयारी शुरू कर दी है। पांच नए प्रशासनिक जिलों के उद्घाटन के बाद कांग्रेस संगठन में जिलों की संख्या बढ़कर 45 हो जाएगी। वहीं, भाजपा में यह संख्या 35 होगी। कांग्रेस में अभी संगठन के लिहाज से 40 जिले हैं। इनमें कुछ जिले शहर और ग्रामीण के हिसाब से बंटे हुए हैं। इसी तरह भाजपा में वर्तमान में 30 जिले हैं।

हाल ही में सीएम भूपेश बघेल ने पांच नए प्रशासनिक जिलों का उद्घाटन किया। इसमें सारंगढ़ बिलाईगढ़, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़ छुईखदान गंडई, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर और सक्ती जिला शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अब जिलों की संख्या 33 हो गई है। इससे पहले कांग्रेस की सरकार बनने के बाद गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का गठन किया गया था, जिससे जिलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई थी। नए जिलों के गठन के साथ ही अब राजनीतिक संगठन के लिहाज से भी विस्तार होना है।

राज्य सरकार द्वारा नए जिलों का ऐलान करने के बाद ही भाजपा ने संगठन के विस्तार के लिहाज से प्रारंभिक बैठकें कर ली हैं। इसमें मंडल व बूथवार नए संगठन जिले का कार्यक्षेत्र तय होगा। भाजपा के नव नियुक्त संगठन महामंत्री विजय शर्मा के मुताबिक प्रशासनिक जिलों के मुताबिक संगठन के नए जिलों का गठन किया जाना है। इसमें आने वाले समय में जिलाध्यक्ष की नियुक्तियां की जाएंगी।

वहीं, कांग्रेस में नए जिलों में नियुक्तियां राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी। प्रभारी महामंत्री (संगठन) अमरजीत चावला के मुताबिक 22 सितंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एआईसीसी मेंबर करते हैं। एआईसीसी मेंबर का चुनाव प्रदेश के प्रतिनिधि करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद प्रदेश व जिलों में नियुक्तियां होंगी। इस दौरान नए जिलों में भी अध्यक्ष की नियुक्तियां की जाएंगी।

नए जिलों में मुद्दे भी होंगे नए

संगठन के नए जिलों में जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर नेताओं को आगे आने का मौका मिलेगा। नए जिलों में नए जिलों का गठन ही आगामी चुनाव में मुद्दा होगा। कांग्रेस यह दावा करेगी कि भाजपा ने लंबे समय तक लोगों की मांगों को नजरअंदाज किया, लेकिन उनकी सरकार बनी तो जिले का दर्जा दिया। भाजपा के पास नए जिलों में सुविधाओं की दृष्टि से सरकार ने सालभर में क्या किया, जैसे मुद्दे होंगे।

अधिकांश जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे

भाजपा में प्रदेश की नई कार्यकारिणी के बाद अब जिलाध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार शुरू हो गया है। अधिकांश जिलों के अध्यक्ष बदलने की तैयारी है। गौरेला पेंड्रा मरवाही, दुर्ग और बलरामपुर में कुछ समय पहले ही बदलाव किया गया था, इसलिए इन जिलों को छोड़कर बाकी जगहों में बदलाव होंगे। यह भी चर्चा है कि इन सभी जिलों के अध्यक्ष बदल दिए जाएंगे। इसके बाद नए सिरे से जिले की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। कुछ महीनों में नई टीम होगी।

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