Sidhu Moosewala Mother IVF: कैसे दोबारा मां बनी 58 की उम्र में सिद्धू मूसेवाला की मां, जानकर लगेगा डबल शॉक...

Sidhu Moosewala Mother IVF: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने बेटे को जन्म दिया है। इसकी जानकारी मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर दी है।

Update: 2024-03-17 10:02 GMT

Sidhu Moosewala Mother IVF: मुंबई। कहते हैं कि चमत्कार में यकीन करने वालों के साथ एक ना एक दिन चमत्कार जरूर होता है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता के साथ भी एक चमत्कार हुआ है। सिद्धू मूसेवाला का घर नन्हेमान की किलकारियों से गूंज उठा हुआ। 58 साल की उम्र में उनकी मां चरण कौर ने बेटे को जन्म दिया है। हालांकि, सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने सिद्धू की मां चरण कौर के प्रेगनेंसी की खबर पर कुछ ऐसा खास रिएक्ट नहीं किया था। वहीं, अब उन्होंने फैंस के साथ गुड न्यूज और 'नन्हे मेहमान' की तस्वीरें शेयर की है। तो वही इस खबर और तस्वीरें आने के बाद सोशल मीडिया में एक और खबर खूब सुर्खिया बटोर रही है कि आखिर 58 साल की उम्र में सिद्धू की मां चरण कौर कैसे दोबारा मां बनी और क्या है राज। तो आइए जानते है कि सिद्धू की मां चरण कौर कैसे दोबारा मां बनी...

जानकारी के मुताबिक, उन्होंने 58 साल की उम्र में आईवीएफ की मदद से बच्चे को कंसीव किया है। बता दें कि आईवीएफ का पूरा नाम इन विर्टाे फर्टिलाइजेशन है और इस खास तकनीक की मदद से संतान सुख से वंचित महिलाओं काे मां बनने का सुख प्राप्त हाेता है।

क्‍या होता है आईवीएफ:- जब म‍हिला के गर्भ में भ्रूण फर्टीलिज़ेड नहीं होता है तो उसे बाहर लैब में फर्टीलिज़ेड किया जाता है और बाद में उसे महिला के यूट्रस में डाल दिया जाता है। डाक्‍टरों के मुताबिक, आईवीएफ तकनीक उन महिलाओं के लिए हैं जो महिलाएं सामान्‍य रूप से गर्भ धारण नहीं कर सकती हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट में महिला के ऐग और पुरुष के स्‍पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निर्माण किया जाता है। सामान्‍य भाषा में समझे तो जो महिलाओं कुछ स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी या किसी खराबी या उम्र के चलते गर्भवती नहीं हो पा रही हैं तो उनके ऐग्स को पुरुष के स्‍पर्म से मिलाया जाता है और उसके मिलने से भ्रूण बन जाता है और उसे महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। लाइफ स्‍टाइल के कारण दुनियाभर में इनफर्टिलिटीकी समस्या से लाखों की संख्‍या में लोग जूझ रहे हैं ऐसे में ये आईवीएफ एक वरदान है। ICMR की लेटेस्‍ट गाइडलाइन के मुताबिक़ इन IVF के लिए महिला की आयु 50 वर्ष और पुरुष की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। महिला की आयु 50 वर्ष और पुरुष की आयु 55 वर्ष से अधिक है तो वो अगर आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए बच्‍चा पैदा करवाते हैं तो ये गैरकानूनी होगा। उम्रदराज लोगों को इसलिए आईवीएफ की परमीशन नहीं है क्‍योंकि एक ओर जहां ये प्रोसीजर करवाने वाली महिला के लिए ये रिस्‍की होगा, साथ ही उम्रदराज मां-बाप से पैदा होने वाले बच्‍चे के भविष्‍य में जल्‍द अनाथ होने जाने का भी खतरा रहता है। 3-4 बार IVF की कोशिश कर सकते हैं, और कुछ महिलाएं पहली बार में ही, तो कुछ एक दो बार में आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए गर्भवती हो जाती हैं लेकिन अगर बार-बार आईवीएफ असफल हो जा रहा है तो महिला को अंडे या डोनर बदलने की सलाह दी जाती है।

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