Sangeeta Bijlani: 62 साल की उम्र में भी फिटनेस के मामले में संगीता बिजलानी ने नई एक्ट्रेस को पीछे छोड़ा, दिया फिटनेस मंत्र...

Update: 2023-03-24 15:46 GMT

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Sangeeta Bijlani: रायपुर। मशहूर फिल्म अभिनेत्री संगीता बिजलानी 62 साल की उम्र में भी फिटनेस के मामले में नई नवेली एक्ट्रेस के साथ बॉलीवुड की कई मौजूदा अभिनेत्रियों को मात दे रही हैं। आज भी जब वे रैंप पर उतरती हैं तो लोग कह उठते हैं, वाह क्या वॉक था। 62 साल की उम्र में भी इतनी फिट रहने वाली एक्ट्रेस संगीता बिजलानी ने अपने फिटनेस का राज खोला है। गुरुवार को संगीता बिजलानी चेट्रीचंड समारोह में शामिल होने रायपुर पहुंची थी।


इस दौरान उन्होंने बताया कि मुझे मीठा खाना बहुत पसंद है और मैं इसे छोड़ नहीं सकती। लेकिन फिट रहने के लिए आपको इससे दूरी बनानी ही पड़ेगी। अब मैं मिठाई से दूरी नहीं बना सकती, लेकिन वर्कआउट को तो अपना सकती हूं ना। इसलिए ही मैं वर्कआउट करती हूं, योग और मेडिटेशन भी रोजाना करती हूं। लड़कियों और वुमंस को भी फिट रहने के लिए कम से कम 10 से 15 मिनट रोजाना प्राणायाम, मेडिटेशन और योग के विभिन्न आसन करने चाहिए। इससे आपकी स्किन के साथ बाल हेल्दी रहेंगे। साथ ही पूरी बॉडी के लिए ये अच्छा होता है। आज के यूथ के लिए संगीता ने कहा कि हमेशा अपनी लाइफ अपने हिसाब से ही जीना चाहिए। लक्ष्य ऊंचा रखो, पर आउट ऑफ लिमिट बिल्कुल न जाओ।


रैंप पर गाना गाया और मिल गई पहली फिल्म...

मॉडलिंग शो के बारे में बात करते हुए संगीता बिजलानी ने कहा कि पहले के मॉडलिंग शो काफी एंटरटेनिंग और टफ होता था। मुझे आज भी याद है मॉडलिंग के दौरान ही मैंने रैंप पर गाना गाया था। इस शो में राजीव रॉय मौजूद थे और उन्होंने मुझे रैंप पर गाना गाते हुए स्पॉट किया। इसी के साथ मुझे त्रिदेव फिल्म में पहला ब्रेक मिला।


अच्छा कंटेट मिला तो जरूर करूंगी वेबसीरिज...

ओटीटी प्लेटफॉर्म और इससे संबंधित प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए बॉलीवुड एक्ट्रेस ने कहा कि ओटीटी के लिए मेरे पास बहुत से ऑफर्स आए, लेकिन मैंने मना कर दिया। क्योंकि अभी मेरा मूड नहीं है। अगर कोई बहुत ही अच्छा कंटेंट या टॉपिक मेरे पास आया तो मैं जरूर करूंगी।


शुरुआती दौर में लगा मैं कहां आ गई, लेकिन पापा ने समझाया...

संगीता बिजलानी ने अपने करियर के शुरुआती दौर के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 15 साल की उम्र में ही मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी। उस दौर में लोग बहुत ही प्रोफेशनल होते थे। एक बार मैं एक प्रोडक्ट के लिए रिहर्सल कर रही थी। रिहर्सल के दौरान ही वहां मौजूद लोग रोक-टोक करने लगे और काम ठीक से नहीं करने दे रहे थे। वहां से जब मैं घर लौटी तो रोने लगी। मुझे रोता हुआ देख पापा ने पूछा, क्या हुआ? मैंने रोते हुए उन्हें बताया कि यहां के लोग बहुत खराब और मतलबी हैं। बहुत रोक टोक करते हैं। तभी पापा ने कहा - तुम इतनी होशियार हो जाओ कि तुम पर कोई प्रेशर ही न आए। उसके बाद से मैं सफलता के नए सीढ़ी पर लगातार चढ़ती गई।

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