शर्मनाक : 68 लड़कियों के उतरवा दिये कपड़े…..पीरियड्स चेक करने प्रिंसिपल ने की बेशर्मी की हदें पार…. मचा हड़कंप….महिला आयोग ने जांच कमेटी बनायी, रिपोर्ट की गयी तलब

Update: 2020-02-14 13:06 GMT

भुज 14 फरवरी 2020। प्रधानमंत्री के गृहराज्य में हुई एक शर्मनाक घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया। गुजरात के भुज में एक गर्ल्स हॉस्टल की 68 लड़कियों को माहवारी होने का ‘सबूत’ देने के लिए महिला टीचरों के सामने कपड़े उतारने पड़े। यह शर्मनाक घटना सहजानंद गर्ल्स इंस्टिट्यूट की है। घटना सामने आने के बाद इसकी चौतरफा आलोचना हो रही है। एक लड़की ने कहा, ‘यह पूरी तरह मानसिक टॉर्चर है और हमारे पास इसे बताने के लिए शब्द नहीं हैं।’ उसने बताया कि कुल 68 लड़कियों को इस प्रिंसिपल के सामने इस टेस्ट से गुजरना पड़ा।

यह मामला भुज के सहजानंद गर्ल्स कॉलेज का है, जहां हॉस्टल के वार्डन ने वॉशरूम में छात्राओं के पीरियड्स की जांच करने के लिए लड़कियों के कपड़े और इनरवियर तक उतरवाकर जांच की। इस मामले में कॉलेज की डीन दर्शना ढोलकिया ने कहा कि यह मामला हॉस्टल का है और इसका यूनिवर्सिटी/कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं है। जो कुछ भी हुआ है वह लड़कियों की अनुमति से हुआ है। किसी ने भी इसके लिए लड़कियों को मजबूर नहीं किया। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब हॉस्टल के गार्डन में इस्तेमाल किया हुआ सैनिटरी पैड मिला। इसके बाद वॉर्डन को शक हुआ कि यह हॉस्टल की किसी लड़की ने ऐसा किया होगा और पैड को इस्तेमाल करने के बाद वॉशरूम की खिड़की से फेंक दिया होगा। यह पता लगाने के लिए आखिर ऐसा किस लड़की ने किया है वॉर्डन ने वॉशरूम में लड़कियों के कपड़े उतरवाकर चेकिंग की।

आपको बता दें कि पीरियड्स को लेकर हॉस्टल ने नियम बना रखा है। इस नियम के मुताबिक, जिस लड़की को पीरियड्स होंगे वह हॉस्टल में नहीं रहेगी। उस युवती के लिए हॉस्टल के बेसमेंट में रहने की जगह बनाई गई है और किसी से भी मिलेगी-जुलेगी नहीं। इतना ही नहीं उसके किचन और पूजा स्थल में जाने पर भी मनाही है। इस दौरान उसके खाना खाने के लिए भी बर्तन अलग है। क्लास में युवतियों को पीछे बैठने के निर्देश दिए गए हैं।

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