Yuktiyuktakaran Explainer Hindi: क्या युक्तियुक्तकरण ही है समाधान? प्रदेश के स्कूलों में कैसे बदलेगी शिक्षा व्यवस्था
Yuktiyuktakaran Explainer Hindi: छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 हजार से अधिक स्कूलों के युक्तियुक्तकरण(rationalization) का फैसला लिया है लेकिन युक्तियुक्तकरण से सरकारी स्कूलों की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा वो भी समझ लेते हैं।
Yuktiyuktakaran Explainer Hindi: छत्तीसगढ़ सरकार (CG GOVT) ने 10 हजार से अधिक स्कूलों के युक्तियुक्तकरण(rationalization) का फैसला लिया है लेकिन युक्तियुक्तकरण से सरकारी स्कूलों की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा वो भी समझ लेते हैं। दरअसल युक्तियुक्तकरण एक शासकीय शब्द है जिसका मतलब है दो चीजों को एक साथ मर्ज करना, और प्रदेश सरकार इसे जरूरी इसलिए मानती है क्योंकि उन्हे लगता है कि किसी स्कूल में शिक्षकों की संख्या कम है तो किसी में शिक्षकों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए वे चाहते है कि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इसलिए ये फैसला लिया गया है। युक्तियुक्तकरण के लिए सरकार दो फार्मूले पर काम करेगी।
पहला समायोजन- ऐसे स्कूल जहां छात्रों की संख्या 10 से कम हैं। उन स्कूलों को करीब के स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा छात्रों को दूर नहीं भेजा जाएगा बल्कि उनकी सुविधा का ध्यान रखा जाएगा।
दूसरा समायोजन- जिसमें अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्टर की जरूरत नहीं होगी। मैनपॉवर कम लगेगा। प्राइमरी से हायर सेकेंडरी में एक ही प्राचार्य होगा साथ ही तीनों स्कूलों का एक ही मैनेजमेंट होगा, यानी सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि प्राचार्यों की संख्या भी कम होगी।
क्या है विवाद-
युक्तियुक्तकरण का प्रयोग ज्यादातर पूंजीवादी नियोजक या किसी सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ाने के लिए किया जाता है। उन्हे दूसरे कामों में लगाने के लिए या उनकी छंटनी करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल प्रदेश के स्कूलों में किया जाएगा। सरकार का तर्क है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए लेकिन सरकारी आंकड़ो के अनुसार प्राइमरी स्कूल में 22 बच्चों पर एक शिक्षक है और प्री मिडिल स्कूल में लगभग 26 बच्चों पर एक शिक्षक है।
शिक्षको का विरोध-
युक्तियुक्तकरण से लगभग 43 हजार पोस्ट खत्म हो सकती है। जिसके विरोध में करीब 10 हजार शिक्षकों ने मंत्रालय का घेराव किया। शिक्षकों का मानना है कि ये फैसला शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ है और सरकारी स्कूलों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है जिसका वे विरोध कर रहे है।
सरफ्लस और सिंगल टीचर स्कूल-
आंकड़ो पर नजर डाले तो प्रदेश के 30,700 प्राइमरी स्कूलों में से 6,872 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक ही शिक्षक है और 212 ऐसे स्कूल हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। इसके अलावा प्रदेश के 13,149 प्री मिडिल स्कूलों में से 255 स्कूलों में एक ही टीचर है। वहीं 48 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी टीचर नहीं है। प्रदेश के 13,149 प्री मिडिल स्कूलों में से 255 स्कूलों में एक ही टीचर है।
सरकार का पक्ष-
आंकड़ो को सामने रखकर सरकार कह रही है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों का बंटवारा ठीक से नहीं हुआ है जिसकी वजह से युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है जिन्हें जरूरत मंद स्कूलों में भेजा जाए तो शिक्षक की कमी पूरी हो जाएगी।
निष्कर्ष-
युक्तियुक्तकरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की क्लस्टर स्कूल अवधारणा के तहत, एक ही परिसर में चल रहे प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों का प्रशासनिक समन्वय किया जा रहा है. युक्तियुक्तकरण से शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की तैनाती होगी। अतिरिक्त शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी। स्थापना खर्च कम होगा। एक परिसर में पढ़ाई से ड्रॉपआउट दर घटेगी, लगभग 89% बच्चों को बार-बार प्रवेश की जरूरत नहीं होगी। मजबूत अधोसंरचना प्रदान करना आसान होगा।