WB Teacher Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट का ममता सरकार को झटका, 25,000 नौकरियां रद्द! जानें पूरा फैसला
West Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में हुई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था।
West Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में हुई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इसे "धोखाधड़ी और जालसाजी से भरी प्रक्रिया" करार देते हुए कहा कि चयन की विश्वसनीयता पूरी तरह खत्म हो चुकी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने में नई चयन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। आइए जानते हैं इस फैसले की बड़ी बातें और इसका असर।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले प्रमुख बिंदु
- नियुक्तियां रद्द: सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों को "धोखाधड़ी और जालसाजी से भरी प्रक्रिया" करार देते हुए रद्द कर दिया। यह फैसला कलकत्ता हाई कोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के आदेश को बरकरार रखता है।
- वेतन वापसी से राहत: CJI ने कहा कि जिनकी नौकरियां रद्द हुईं, उन्हें अब तक मिला वेतन या भत्ते लौटाने की जरूरत नहीं है।
- नई चयन प्रक्रिया: राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया।
- दिव्यांगों को छूट: मानवीय आधार पर दिव्यांग कर्मचारियों को नौकरी में बने रहने की अनुमति दी गई।
- बेदाग उम्मीदवार: नई प्रक्रिया में बेदाग उम्मीदवारों को छूट मिल सकती है, लेकिन उन्हें अभी लाभ नहीं दिया जाएगा।
- CBI जांच: हाई कोर्ट के CBI जांच के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 4 अप्रैल 2025 को होगी।
घोटाले का बैकग्राउंड
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला 2016 के स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट (SLST) से जुड़ा है, जिसमें 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने 24,640 रिक्तियों के लिए हिस्सा लिया था। लेकिन 25,753 नियुक्तियां हुईं, जिसमें भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, और OMR शीट्स में हेरफेर के आरोप लगे। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसे "नल एंड वॉयड" घोषित करते हुए सभी नियुक्तियां रद्द कर दी थीं और CBI जांच का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 10 फरवरी 2025 को फैसला सुरक्षित रखा गया था।
कोर्ट की टिप्पणी
CJI संजीव खन्ना ने कहा, "इस चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी हुई है। इसे छिपाने की कोशिश की गई, जिससे इसकी वैधता खत्म हो गई। दागी उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त होनी चाहिए।" कोर्ट ने माना कि हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है। पिछले साल 7 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह बरकरार रखा गया है।
ममता सरकार पर असर
यह फैसला तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार के लिए बड़ा झटका है। घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी और कई अधिकारियों पर आरोपों ने ममता बनर्जी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। विपक्षी दल इसे 2026 विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की नाकामी के तौर पर पेश कर रहे हैं। ममता ने पहले कहा था कि वह प्रभावित शिक्षकों के साथ खड़ी रहेंगी, लेकिन अब नई प्रक्रिया शुरू करना उनकी मजबूरी होगी।
शिक्षकों का भविष्य
25,000 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों की नौकरी जाने से राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। हालांकि, दिव्यांग कर्मचारियों को राहत मिली है। बेदाग उम्मीदवारों को नई प्रक्रिया में मौका मिलेगा, लेकिन उनकी संख्या और पहचान अभी स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि नई भर्ती में निष्पक्षता और छूट पर ध्यान देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अंतिम है, लेकिन CBI जांच पर सुनवाई बाकी है। 4 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में जांच की दिशा और अधिकारियों की भूमिका पर फैसला होगा। तब तक राज्य सरकार को जुलाई 2025 तक नई भर्ती पूरी करनी होगी। क्या यह घोटाला TMC के लिए सियासी संकट बनेगा? यह आने वाला वक्त बताएगा।